माटीकला को विकसित करने के लिए उपलब्ध कराई जा रही सुविधाएं: सिद्धार्थ नाथ

उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से माटी कला को विकसित करने के लिए उसको तकनीकी से जोड़ा जा रहा है। उत्तर प्रदेश के खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आज उ0प्र0 माटीकला बोर्ड की तरफ से आयोजित दस दिवसीय माटीकला मेला एवं तकनीकी सेमिनार का उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश माटीकला बोर्ड की नवीन वेबसाइट-www.upmatikalaboard.in का लोकार्पण भी किया।
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उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा माटीकला बोर्ड के माध्यम से कुम्हारी कला से जुड़े व्याक्तियों को मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना के माध्यम से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराते हुए इकाइयॉ स्थापित करायी जा रही है एवं योजनान्तर्गत शिल्पकारों एवं कारीगरों को व्यवहारिक प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त विद्युत चालित कुम्हारी चाक एवं मूर्तिया बनाने हेतु विभिन्न साइज की डाई का निःशुल्क वितरण भी कराया जा रहा है। प्रदेश में माइक्रो माटीकला कॉमन फैसेलिटी सेन्टर योजनान्तर्गत माटीकला के छोटे-छोटे सामूहिक केन्द्र स्थापित कराकर उन्हें सुविधा सम्पन्न कराये जाने की दिशा में सरकार निरन्तर प्रयासरत है।
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उन्होंने उत्कृष्ट शिल्पकारों द्वारा निर्मित माटीकला उत्पादों की भव्य प्रदर्शनी के साथ-साथ माटीकला उद्योग के क्रियात्मक प्रदर्शन का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर उन्होंने राज्य स्तरीय माटी कला पुरस्कार के अन्तर्गत राजन प्रजापति, गुलहरिया बाजार- गोरखपुर को प्रथम पुरस्कार स्वरूप 40 हजार रुपये, सोहित कुमार प्रजापति, निजामाबाद आजमगढ़ को द्वितीय पुरस्कार 30 हजार रुपये एवं हरीराम, उज्जैनीकला-गोण्डा को तृतीय पुरस्कार हेतु 20 हजार रुपये प्रदान कर सम्मानित भी किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने मुख्यमंत्री माटी कला रोजगार के 05 लाभार्थियों को ऋण प्रमाण पत्र वितरित किये एवं 100 लाभार्थियों को टूल किट्स भी प्रदान किये।
अपर मुख्य सचिव खादी एवं ग्रामोद्योग डा0 नवनीत सहगल ने कहा कि मेले में विभिन्न जनपदों से आये पराम्परागत कारीगरों द्वारा निर्मित विभिन्न उत्पादों का भब्य प्रदर्शन एवं बिक्री की जा रही है। प्रदर्शनी में लगभग 100 स्टाल लगाये गये है, जिन्हे कारीगरों को निःशुल्क आवंटित किया गया है। उन्होंने कहा कि माटीकला बोर्ड द्वारा प्रधानमंत्री के संकल्प वोकल फॉर लोकल को पूरा करने में अहम योगदान दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर माटीकला बोर्ड का गठन किया गया है। कारीगरों को मिट्टी, टूलकिट एवं बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही कारीगरों को मूर्तियां में एकरूपता लाने के लिए मुफ्त में मोल्ड सांचे भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इन प्रयासों से यहां चीन की बनी मूर्तियों की मांग कम हुई है और स्थानीय कारीगरों के उत्पादों की ज्यादा बिक्री हो रही है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक कारीगरों को काम मिले और उनकी आमदनी बढ़े यही प्रदर्शनी के आयोजन का मुख्य उद्देश्य है।
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