रेलवे कम करने जा रही है इन शताब्दी ट्रेनों का किराया

रेलवे यात्रियों के लिए खुशखबरी है। भारतीय रेल अब ऐसी शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों में अपने किराये कम करने जा रहा है, जिनमें यात्रियों की संख्या न के बराबर है। रेलवे ये कदम इसलिए उठा रही है जिससे किराये की वजह से सीटें खाली न रहें और यात्री ट्रेन में यात्रा कर सकें। रेलवे को उम्मीद है कि इससे शताब्दी में यात्रा करने वालों की संख्या बढ़ेगी।
रेलवे ने जो योजना तैयार की है, उसके मुताबिक शताब्दी ट्रेनों के बीच के स्टेशनों पर यात्रियों की संख्या काफी कम होती है। उदाहरण के लिए नई दिल्ली से लखनऊ को चलने वाली शताब्दी एक्सप्रेस में कानपुर और लखनऊ के बीच काफी कम यात्री होते हैं। इसी तरह अलीगढ़ से गाजियाबाद के बीच भी यात्रियों की संख्या कम होती है। इन शहरों के लोग बस या फिर अपने निजी वाहन से यात्रा करना पसंद करते हैं। ऐसे में रेलवे बीच में पड़ने वाले स्टेशन के बीच किराये में कमी करने जा रही है, जिससे रेलवे के अलावा यात्रियों को फायदा होगा।
रेलवे ने नई दिल्ली-अजमेर शताब्दी और चैन्नई-मैसूरू शताब्दी में इसका ट्रायल किया था। ट्रायल के दौरान इन दोनों रूट्स पर आय में 17 फीसदी का इजाफा हुआ है और 63 फीसदी अधिक यात्रियों ने बुकिंग कराई थी। इन दोनों ट्रेनों में यह ट्रायल अजमेर-जयपुर और बंगलूरू-मैसूरू के बीच किया गया था। ट्रायल के सफल होने के बाद रेलवे को उम्मीद है कि अन्य शताब्दी/स्वर्ण शताब्दी ट्रेनों में भी इसको लागू करने से (रेलवे और यात्रियों) को फायदा होगा।
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