
शेयर बाजार में सोमवार को भारी गिरावट दर्ज की गई। बीएसई सेंसेक्स 600 अंकों से अधिक गिरकर 77,189 के स्तर पर आ गया, जबकि एनएसई निफ्टी करीब 200 अंक लुढ़क गया। इस गिरावट के पीछे कई अहम कारण हैं, जिनमें विदेशी निवेशकों की बिकवाली, रुपये की कमजोरी और मेटल स्टॉक्स की गिरावट मुख्य रूप से शामिल हैं।
1. विदेशी निवेशकों की बिकवाली बनी दबाव की वजह
वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज के इक्विटी स्ट्रैटजी डायरेक्टर क्रांति बथिनी के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) भारतीय बाजारों में लगातार बिकवाली कर रहे हैं। आरबीआई की दर कटौती और हाल ही में पेश किए गए बजट के बावजूद विदेशी निवेशकों का उत्साह कम दिख रहा है। कमाई में सुस्ती और वैश्विक आर्थिक चिंताओं के चलते निवेशक सतर्क बने हुए हैं, जिससे बाजार पर दबाव बना हुआ है।
2. रुपये में ऐतिहासिक गिरावट
सोमवार को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तर 87.95 पर पहुंच गया। कमजोर रुपया आयात महंगा करता है, खासकर कच्चे तेल जैसे जरूरी उत्पादों की कीमतों पर असर डालता है। विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह गिरावट जारी रहती है तो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को हस्तक्षेप करना पड़ सकता है।
3. मेटल स्टॉक्स में भारी गिरावट
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा स्टील और एल्युमिनियम आयात पर 25% नया टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद भारतीय मेटल सेक्टर पर नकारात्मक असर पड़ा। इस खबर के बाद निफ्टी मेटल इंडेक्स में 2.94% की गिरावट आई।
- वेदांता लिमिटेड 4.61% गिरा
- सेल (SAIL) 4.16% लुढ़का
- टाटा स्टील 3.48% टूटा
- जेएसडब्ल्यू स्टील 3.04% नीचे गिरा
- नाल्को 2.90% गिरा
- एनएमडीसी 2.88% और जिंदल स्टील & पावर 2.35% नीचे आया
आगे क्या?
हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनावों में बीजेपी की जीत को बाजार के लिए सकारात्मक संकेत माना जा रहा था, लेकिन विदेशी निवेशकों की बिकवाली और वैश्विक बाजार की अनिश्चितता के चलते इसका असर सीमित दिखा। मॉटिलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (MOFSL) का मानना है कि निवेशकों का ध्यान अब कॉर्पोरेट अर्निंग्स और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर रहेगा। अमेरिकी व्यापार नीतियों और विदेशी निवेशकों के रुख से बाजार में और अस्थिरता देखने को मिल सकती है।