
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने स्टॉक ब्रोकिंग नियमों के उल्लंघन के मामलों में मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (MOFSL) पर 7 लाख रुपये और आनंद राठी शेयर एंड स्टॉक ब्रोकिंग पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई सेबी द्वारा किए गए निरीक्षण के बाद की गई।
मोतीलाल ओसवाल मामला
सेबी ने 1 अप्रैल 2021 से 30 जून 2022 की अवधि के दौरान MOFSL के खिलाफ निरीक्षण किया। जांच में रिपोर्टिंग और मार्जिन की शॉर्ट-कलेक्शन से संबंधित नियमों के उल्लंघन का पता चला।
सेबी के आदेश में कहा गया
“मामले की परिस्थितियों, उपलब्ध रिकॉर्ड और नोटिसी (MOFSL) द्वारा प्रस्तुत विवरणों पर विचार करने के बाद, सेबी अधिनियम, 1992 की धारा 15-I और सेबी (प्रक्रिया) नियमों के तहत 7,00,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। यह दंड उल्लंघन की गंभीरता को देखते हुए उचित है।”
आनंद राठी मामला
आनंद राठी के मामले में सेबी ने 1 अप्रैल 2020 से 31 अक्टूबर 2021 तक की अवधि के लिए निरीक्षण किया। इस दौरान स्टॉक ब्रोकिंग नियमों के उल्लंघन की पुष्टि हुई, जिसके बाद 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।
सेबी की इस कार्रवाई से संकेत मिलता है कि बाजार नियामक स्टॉक ब्रोकिंग नियमों के अनुपालन को लेकर सख्त रवैया अपनाए हुए है। यह कदम निवेशकों के हितों की रक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
अगला कदम क्या?
MOFSL और आनंद राठी के पास अब इस फैसले के खिलाफ अपील करने का विकल्प है। हालांकि, सेबी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बाजार में नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।