कैपिटल मार्केट रेग्यूलेटर सेबी ने उद्योगपति अनिल अंबानी और रिलायंस होम फाइनेंस के पूर्व अधिकारियों समेत कुल 25 लोगों को शेयर बाज़ारों से पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। इन लोगों पर रिलायंस होम फाइनेंस के फ़ंड की हेरा-फेरी करने के मामले में प्रतिबंध लगाया गया है।
सेबी ने अनिल अंबानी पर 25 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया है। साथ ही किसी भी सूचीबद्ध कंपनी या सेबी के साथ पंजीकृत किसी भी इकाई में निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय पद (केएमपी) लेने से भी पांच साल के लिए रोका गया है। अनिल अंबानी से अलग 24 अन्य लोगों पर 21-27 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही रिलायंस होम फाइनेंस पर छ्ह महीने का प्रतिबंध और छ्ह लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इस संबंध में अनिल अंबानी के रिलायंस समूह की कंपनी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। फंड की हेरा-फेरि संबंधी कई शिकायतों के बाद सेबी ने वित्त वर्ष 2018-19 की अवधि के लिए जांच की।
सेबी ने जांच में पाया की अनिल अंबानी ने रिलायंस होम फाइनेंस के केएमपी अमित बापना, रवीद्र सुधालकर और पिंकेश आर शाह की मदद से धन हड़पने के लिए एक योजना बनाई है जिसमें उन्होने खुद से जुड़ी संस्थाओं को कर्ज लेने वालों के रूप में प्रस्तुत किया। हालांकि रिलायंस होम फाइनेंस के निदेशक मंडल ने इस तरह के कर्ज देने के तरीकों को रोकने और नियमित रूप से कारपोरेट कर्जों की समीक्षा करने के लिए सख्त निर्देश जारी किए थे। लेकिन कंपनी के प्रबंधन ने इन आदेशों की अनदेखी की। सेबी ने 222 पेज के आदेश में कहा कि कंपनी प्रबंधन और प्रमोटर्स ने कंपनियों को सैकड़ों करोड़ की कर्ज स्वीकृति में लापरवाही बरती जिनके पास बहुत कम या कोई संपत्ति नकदी प्रवाह या राजस्व नहीं था।
रिलायंस इन्फ्रास्ट्रेक्चर के शेयर लुढ़के
इस फैसले से अनिल अंबानी के समूह की कंपनियों के शेयर में 10 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। बीएसई में रिलायंस इन्फ्रास्ट्रेक्चर के शेयर 10.07 प्रतिशत की गिरावट के साथ 211.70 रुपए पर बंद हुए। इसी तरह रिलायंस होम फाइनेंस के शेयर पांच प्रतिशत गिरकर 4.46 रुपए और रिलायंस पावरके शेयर पांच प्रतिशत गिरकर 34.48 रुपए प्रति इकाई पर बंद हुए।