SBI ने लिए दो बड़े फैसले, एक में हुआ ग्राहकों का फायदा तो दूसरे में नुकसान
कोरोना वायरस (Corona Virus) की वजह से लगे लॉकडाउन (Lockdown) में लोगों को बैंकिंग से सम्बन्धित परेशानियां न हों इसको लेकर बैंक कई बड़े कदम उठा रहे हैं। इसमें देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) भी शामिल है। अब बैंक की ओर से दो बड़े फैसले लिए गए हैं। पहला मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में कटौती है, वहीं दूसरा फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) पर ब्याज दर घटाना है। आइए इन दोनों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
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0.15 फीसदी कटौती का निर्णय
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में कटौती करने की घोषणा कर दी है। इस निर्णय के बाद अब MCLR 7.25 फीसदी पर आ गया है, जो पहले 7.40 फीसदी था। उस लिहाज से देखा जाए तो ये कटौती 0.15 फीसदी की है। इससे बैंक के ग्राहकों को काफी फायदा होने की उम्मीद है। यह कटौती का निर्णय बैंक के लेन-देन पर 10 मई 2020 से लागू हो जाएगा। बैंक का मानना है कि इससे ग्राहकों को सीधे तौर पर कई तरह के फायदे मिलने निश्चित हैं। बैंक ने लॉकडाउन पर घर में रहने वाले ग्राहकों की सहूलियत को देखते हुए ये कटौती की है। जिससे ग्राहकों पर किसी तरह का ज्यादा आर्थिक भार न पड़े।
जानिए ग्राहकों को होगा कितना फायदा
मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में कटौती से ग्राहकों को कितना फायदा होगा, इसकी जानकारी अहम है। MCLR की कटौती से ग्राहकों के लिए लोन की ईएमआई (EMI) कम हो जाएगी। अगर ग्राहक का होम लोन भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की MCLR दर से जुड़ा हुआ है, तो ईएमआई (EMI) में कमी तुरंत देखने को नहीं मिलेगी। इसका सबसे बड़ा कारण है कि मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) वाले कर्ज में एक साल का रीसेट क्लॉज जुड़ा होता है। बैंक की अपनी लागत पर ही उसकी MCLR दरें जुड़ी हुई होती हैं। इसमें कटौती से ग्राहकों की ईएमआई (EMI) कम होने से उनके ऊपर अतिरिक्त बोझ कम होगा। इसके अलावा भी बैंकों ने ग्राहकों की मदद के उद्देश्य से कई योजनाएं चालू की हैं।
कितना सस्ता हो जाएगा होम लोन
MCLR की दरों में कटौती से ग्राहकों को कितना फायदा मिल सकता है, इस बात की जानकारी भी भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की ओर से दी गई है। बैंक के अनुसार अगर आपने बैंक से करीब 25 लाख रुपये का होम लोन लिया है। जिाकी अवधि 30 साल की है। तो इसकी ईएमआई (EMI) में करीब 255 रुपये की कमी हो जाएगी। हालांकि होम लोन MCLR आधारित होना चाहिए। हालांकि ये छूट बहुत ज्यादा तो नहीं है, लेकिन 30 साल के हिसाब से जोड़ें तो ग्राहकों को लॉन्ग टर्म के हिसाब से काफी बड़ी राहत मिलेगी। ये छूट 10 मई से मिलनी शुरू हो जाएगी। तभी से ही ग्राहकों की ईएमआई (EMI) भी कम होकर आने लगेगी। आपको बता दें कि बैंक ने MCLR में मौजूदा वित्त वर्ष में 12 बार कमी की है।
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बुरी खबर: फिक्स्ड डिपॉजिट में ब्याज कम
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने दूसरे फैसले के तहत अपने फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) पर ब्याज दर घटा दी है। बैंक की ओर से दी गई जानकारी के हिसाब से अब दो करोड़ रुपये से कम फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) पर ब्याज दर कम हो जाएगी। बैंक ने ये दरें पिछले दो महीने में दूसरी बार घटाई हैं। अब ग्राहकों को 3 साल की अवधि के खुदरा टर्म डिपॉजिट पर अब 20 आधार अंक कम ब्याज मिलेगा। ये नई दरें 13 मई 2020 से प्रभावी हो जाएंगी। गिरती अर्थव्यवस्था से बैंकों का आर्थिक नुकसान कम करने के चलते ये फैसला लिया गया है। हालाकि फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) में कई से उन ग्राहकों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा जो बचत के उद्देश्य से अपने रुपयों का बैंक में निवेश करते हैं।
इमरजेंसी लोन भी दे रहा बैंक
सबसे बड़े सरकारी बैंक ने लॉकडाउन (Lockdown) में ग्राहकों की जरूरतों का पूरा ख्याल रखते हुए हाल ही में इमरजेंसी लोन (Emergency Loan) की सुविधा भी शुरू की थी। इसकी सबसे बड़ी खासियत ये थी कि इसको केवल 45 मिनट में पाया जा सकता है और इसकी ईएमआई (EMI) भी ग्राहकों को 6 महीने बाद भरनी होगी। इस लोन के लिए ग्राहकों को 10.50 फीसदी की दर से ब्याज का भुगतान करना होगा। लॉकडाउन में ग्राहकों को आर्थिक रूप से परेशानी न हो इसके लिए बैंक ने इमरजेंसी लोन (Emergency Loan) की पेशकश की है। अगर व्यक्ति पहले से ही बैंक का ग्राहक है तो उसे ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए ही घर बैठे लोन मिल जाएगा। इस लोन की राशि कुछ मिनटों में ही ग्राहक के अकाउंट में आ जाएगी। इससे लॉकडाउन में भी ग्राहकों की आर्थिक जरूरतें पूरी हो सकेंगी।
ये लोन पाने के लिए ग्राहकों को केवल आसान 4 स्टेप्स पूरे करने होंगे। उन्हें अपने पंजीकृत मोबाइल से PAPL<एकाउंट नंबर के आखिरी 4 अंक> लिखकर 567676 पर भेजना होगा। जिसके बाद अगर ग्राहक लोन लेने के योग्य होगा तो उसे इसकी जानकारी दे दी जाएगी। अब ग्राहक आगे की प्रक्रिया पूरी करके लोन ले सकता है। आखिर में ग्राहक के मोबाइल पर एक ओटीपी भेजा जाएगा, जिसे कंफर्म करते ही इमरजेंसी लोन (Emergency Loan) अप्रूव्ड हो जाएगा। इस लोन पर ईएमआई (EMI) में 6 महीने की छूट की सुविधा भी रहेगी।
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ग्राहकों को हो रहा दो-तरफा लाभ
बैंक के उपभोक्ताओं की लॉकडाउन के दौरान लॉटरी खुल गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भी ग्राहकों पर आर्थिक बोझ कम करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। अभी 17 अप्रैल को ही रिजर्व बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास (Rbi Governor Shaktikanta Das) ने वीडियो कॉन्फ्रेंस करते हुए रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) घटाने का फैसला लिया था। रिवर्स रेपो रेट 0.25 फीसद घटाकर 3.75 कर दी गई थी। रिवर्स रेपो रेट कम होने से सबसे अधिक फायदा लोन लेने वाले ग्राहकों को ही होता है। इससे उनकी ईएमआई (EMI) में कमी होती है। देश में सबसे ज्यादा फायदा मध्यम वर्ग के ग्राहकों को मिलता है। रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) में कमी से कई तरह के कर्ज सस्ते हो जाते हैं। जिसमें होम लोन, वाहन लोन आदि शामिल होते हैं। इससे अर्थव्यवस्था को भी तेजी मिलती है।
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