
सब्जी और दाल की कीमतों में कम बढ़ोतरी के कारण इस वर्ष जनवरी में खुदरा महंगाई दर में कमी आई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले महीने खुदरा महंगाई की दर 91 आधार अंक घटकर 4.31 प्रतिशत रही है जो अगस्त 2024 के बाद सबसे कम है। पिछले वर्ष दिसंबर में खुदरा महंगाई की दर 5.22 प्रतिशत थी। जनवरी में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर में भी नरमी रही और यह दर 6.02 प्रतिशत रही। दिसंबर 2024 में खाद्य वस्तुओं की खुदरा महंगाई दर 8.09 प्रतिशत थी। खुदरा महंगाई दर में पिछले वर्ष अक्तूबर से लगातार गिरावट हो रही है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि खुदरा मुद्रास्फीति 2 प्रतिशत के मार्जिन के साथ 4 प्रतिशत पर बनी रहे।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार दिसंबर, 2024 में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन तीन प्रतिशत बढ़ा जो एक साल पहले की समान अवधि में 4.6 प्रतिशत बढ़ा था।
समीक्षाधीन अवधि में खनन उत्पादन की वृद्धि दर घटकर 2.6 प्रतिशत रह गई जबकि साल भर पहले की समान अवधि में यह 5.2 प्रतिशत थी। हालांकि समीक्षाधीन माह में बिजली उत्पादन बढ़कर 6.2 प्रतिशत हो गया जो दिसंबर, 2023 में सिर्फ 1.2 प्रतिशत था।
इस क्रम में फूड और बेवरेजेस की भी कीमतें घटी हैं. जनवरी में इनकी भी महंगाई दर कम होकर 5.68 परसेंट हो गई है, जो पिछले महीने 7.69 परसेंट थी। इस दौरान सबसे ज्यादा दाम सब्जियों के घटे हैं। इनकी महंगाई दर दिसंबर में 26.56 परसेंट से घटकर जनवरी में 11.35 परसेंट हो गई है। कीमतों में नरमी का यह रूख फरवरी में भी बरकरार रह सकता है। आईसीआरए ने फरवरी में CPI इंफ्लेशन के 4 परसेंट रहने का अनुमान लगाया है। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने भी फरवरी और मार्च 2025 में सीपीआई इंफ्लेशन 3.9 परसेंट से 4 परसेंट के दायरे में रहने का अनुमान लगाया है।