करदातओं को मिली राहत, अब 15 मार्च तक कर सकते हैं इनकम टैक्स रिटर्न फाइल

केंद्र ने साल 2020-2021 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न की समय सीमा को बढ़ाकर 15 मार्च कर दिया है। हालांकि ये डेडलाइन केवल कॉर्पोरेट के लिए बढ़ाई गई है। वहीं, टैक्स ऑडिट रिपोर्ट और ट्रांसफर प्राइसिंग ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की समय सीमा को 15 फरवरी तक बढ़ा दी गई है।
फाइनेंस मिनिस्ट्री के रेवेन्यू डिपार्टमेंट की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, मौजूदा कोविड-19 स्थिति के कारण करदाताओं को हो रही कठिनाइयों को देखते हुए समय सीमा बढ़ाई गई है। आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के तहत विभिन्न ऑडिट रिपोर्ट की ई-फाइलिंग में आने वाली समस्याओं के कारण भी ये फैसला लिया गया है।
बता दें अन्य लोगों के लिए वित्त वर्ष 2020-21 के इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर थी। इसे बढ़ाया नहीं गया है। हालांकि, जो लोग अभी तक ITR नहीं भर पाए है वो लेट फीस के साथ 31 मार्च 2022 तक ITR भर सकते हैं। ये लेट फीस 5 लाख से ज्यादा के इनकम पर 5 हजार रुपए, 5 लाख रुपए या इससे कम के इनकम होने पर 1 हजार और इनकम 2.50 लाख से कम होने पर बिना जुर्माना रिटर्न भर सकते हैं।
ITR भरने के फायदे
अगर आप इनकम टैक्स के दायरे में नहीं भी आते हैं तब भी आपको रिटर्न फाइल करना चाहिए। अगर आप ITR फाइल करते हैं, तो इससे आपको कई फायदे होते हैं। ये हैं ITR भरने के फायदे...
टैक्स रिफंड क्लेम करने के लिए: टैक्स रिफंड क्लेम करने के लिए ITR दाखिल करना जरूरी है। आप जब ITR दाखिल करते हैं तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उसका एसेसमेंट करता है। अगर रिफंड बनता है तो वह सीधे बैंक अकाउंट में क्रेडिट कर दिया जाता है।
वीजा के लिए जरूरी: कई देशों की वीजा अथॉरिटीज वीजा के लिए 3 से 5 साल का ITR मांगते हैं। ITR के जरिए वे चेक करते हैं कि जो आदमी उनके देश में आना चाहता है कि उसका फाइनेंशियल स्टेटस क्या है।
इनकम का रहता है प्रूफ: ITR फाइल करने पर एक प्रमाण पत्र मिलता है। जब भी ITR दाखिल होता है तब उसके साथ फॉर्म 16 भरा जाता है, फॉर्म 16 वहां से मिलता है जहां व्यक्ति नौकरी कर रहा है। इस तरह एक सरकारी तौर पर प्रमाणिक कागजात हो जाता है जिससे यह साबित होता है कि व्यक्ति की इतनी रुपए सालाना नियत आय है। आय का रजिस्टर्ड प्रमाण मिलने से क्रेडिट कार्ड, लोन या खुद की क्रेडिट साबित करने में मदद होती है।
बैंक लोन मिलने में आसानी: ITR आपकी इनकम का प्रूफ होता है। इसे सभी सरकारी और प्राइवेट संस्थान इनकम प्रूफ के तौर पर स्वीकार करते हैं। अगर आप नियमित तौर पर ITR फाइल करते हैं तो आपको बैंक से आसानी से लोन मिल जाता है।
एड्रेस प्रूफ के रूप में भी आती है काम: ITR रसीद आपके पंजीकृत पते पर भेजी जाती है, जो एड्रेस प्रूफ के रूप में काम कर सकती है। इसके अलावा यह आपके लिए इनकम प्रूफ का भी काम करती है।
खुद का बिजनेस शुरू करने के लिए जरूरी है ITR: अगर आप खुद का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो ITR भरना बहुत जरूरी है। इसके अलावा अगर आप किसी विभाग के लिए कॉन्ट्रैक्ट हासिल करना चाहते हैं तो आपको ITR दिखाना पड़ेगा। किसी सरकारी विभाग में कॉन्ट्रैक्ट लेने के लिए भी पिछले 5 साल का ITR देना पड़ता है।
ज्यादा बीमा कवर के लिए बीमा कंपनियां मांगती हैं ITR: अगर आप एक करोड़ रुपए का बीमा कवर (टर्म प्लान) लेना चाहते हैं तो बीमा कंपनियां आपसे ITR मांग सकती हैं। वास्तव में वे आपकी आय का स्रोत जानने और उसकी नियमितता परखने के लिए ITR पर ही भरोसा करती हैं।
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