वित्त मंत्रालय का मानना है कि मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक इस साल सामान्य से अधिक मानसून रहेगा और आने वाले महीनों में खाद्य वस्तुओं कि कीमतों में गिरावट आएगी। अभी खुदरा मंहगाई दर भले ही 5 प्रतिशत से नीचे है लेकिन खाद्य वस्तुओं कि खुदरा मंहगाई दर 8 प्रतिशत से अधिक है। इस साल मार्च में खुदरा मंहगाई दर 4.85 प्रतिशत थी जब कि खाद्य वस्तुओं कि मंहगाई दर 8.5 प्रतिशत थी।
वित्त मंत्रालय कि तरफ से गुरुवार को जारी मासिक रिपोर्ट के मुताबिक मानसून सीजन में सामान्य से अधिक बारिश होने से फसल का उत्पादन अधिक होने का अनुमान है। रिपोर्ट के मुताबिक खाद्य वस्तुओं की मंहगाई सरकार की प्रमुख चुनौती है। आयात को खोलने , स्टॉक सीमित करने एवं सरकारी कीमत पर कई वस्तुओं की बिक्री जैसे प्रयासों से खाद्य वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्य रूप से दाल और सब्जी के दाम में बढ़ोतरी से खाद्य वस्तुओं की मंहगाई दर आठ प्रतिशत से ऊपर पहुँच गई है। अभी दाल की कीमत अभ्त तेज़ है। इसलिए इस बार खरीफ सीजन में बोआई अधिक होने की उम्मीद की जा रही है।