
सरकार 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को पेंशन के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है। यूनिवर्सल पेंशन योजना में सभी तरह के कामगारों को पेंशम मिलेगी। यह स्वैच्छिक और अंशदायी होगी। इस पेंशन योजना के लिए रोजगार कोई शर्त नहीं होगी यानी इसमें आम नागरिक भी योगदान कर सकेंगे और फिर पेंशन पा सकेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मौजूदा एंप्लॉय प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन से अलग है, क्योंकि नई स्कीम में सरकार अलग-अलग तरह के कई स्कीम्स को मिलाकर एक यूनिवर्सल स्कीम बना सकती है। इसे स्वैच्छिक आधार पर किसी भी नागरिक के लिए एक सुरक्षित विकल्प के रूप में देखा जा सकता है।
इस नए प्रस्ताव और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) जैसी मौजूदा योजनाओं के बीच महत्वपूर्ण अंतर यह है कि योगदान स्वैच्छिक आधार पर होगा और सरकार कोई योगदान नहीं देगी। इसका मतलब है कि योजना में 18 साल का कोई भी नागरिक स्वैच्छिक आधार पर शामिल हो सकता है, जो 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन लेना चाहता है। सूत्रों के मुताबिक, कुछ मौजूदा योजनाओं को शामिल कर पेंशन/बचत ढांचे को सुव्यवस्थित करने का भी लक्ष्य है।
यह योजना खासकर असंगठित क्षेत्र के मजदूरों, छोटे व्यापारियों, स्वरोजगार करने वालों और अन्य नागरिकों के लिए बनाई जा रही है। केंद्र सरकार राज्यों को भी इस योजना में अपनी पेंशन योजनाओं को विलय करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है। इससे पेंशन अंशदान को एक जगह लाया जा सकेगा। इससे पेंशन भुगतान में वृद्धि होगी। साथ ही, एक शख्स को अधिक पेंशन का लाभ लेने से भी रोका जा सकेगा।