जानिए कागज से ज्वैलरी बनाने वाली लखनऊ की इस लड़की के बारे में खास बातें

हमारे देश में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। आज हम आपको ऐसी ही एक प्रतिभावान शख्सियत से रूबरू करवाने जा रहे हैं, जिन्होंने अपने जुनून के दम पर विश्व रिकॉर्ड बनाया है।
पेपर ज्वैलरी को अब तक कई फैशन शो में मॉडलों के जरिए उतार चुकीं हैं वर्षा अपने इस हुनर के दम पर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुकीं हैं। जिंदगी में तमाम उतार-चढ़ावों से गुजर चुकी वर्षा को लेाग आज पेपर ज्वैलरी के इंवेंटर के तौर पर जानते हैं।
परेशानियों ने दिखाई राह
मां-पिता और छोटे भाई के छोटे से परिवार में रहने वाली वर्षा कहती हैं कि मध्यमवर्गीय परिवार से हूं। 12वीं की पढ़ाई के बाद एयरहोस्टेस की ट्रेनिंग ली। ट्रैवल एंड टूरिज्म और हास्पिटैलिटी की भी ट्रेनिंग ली। इस बीच पापा की तबीयत खराब हो गई। घर चलाने को कमाना जरूरी था।
पढ़ाई के साथ-साथ घर की जिम्मेदारी भी संभालनी थी। पापा बिस्तर पकड़ चुके थे। कहते हैं न कि अंधेरे के बाद ही सुबह आती है। बस इन्हीं परेशानियों ने मुझे एक राह दिखाई और अपना कारोबार शुरू कर दिया।
यूं शुरू हुआ पेपर ज्वैलरी का सफर
‘द अडेजियो’ नामक फर्म की स्थापना की और साथ-साथ एमबीए शुरू कर दिया। जब आप ठान लेते हैं और हिम्मत कर अपनी राह पकड़ लेते हैं तो रास्ते खुद ही बनते चले जाते हैं। रीयल एक्सेस सेंटर में भी काम किया।
मन में कुछ कचोट रहा था। शायद मेरे अंदर की क्रिएटिविटी थी, जो हर पल मुझे बैचेन कर रही थी। एक दिन कागज काटते समय इसी से ज्वैलरी बनाने का खयाल आया। यूं ही उधेड़बुन में थी और बना डाली ईयररिंग। बस मुझे मेरी मंजिल का पता मिल गया।
आसमान पर हैं वर्षा की निगाहें
घर की माली हालत ऐसी नहीं थी कि मैं नौकरी के लिए इंतजार करती। बस तय कर लिया कि मुझे ज्वैलरी डिजाइनर बनना है और वह भी कागज के आभूषणों का। आज की तारीख में वर्षा लखनऊ और उसके आसपास के इलाकों में कागज से ज्वैलरी बनाने वाली एकमात्र महिला हैं। उनकी निगाहें आसमान पर हैं, फिलहाल वह अभी अपने हुनर को और ज्यादा निखारने में लगी हैं।
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