
भारत की ऊर्जा महा-रत्न कंपनी ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ONGC) ने टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (TPREL) के साथ एक अहम समझौता किया है। इस समझौते का उद्देश्य बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) के क्षेत्र में नए अवसरों की खोज करना और भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को गति देना है।
भारत के ऊर्जा क्षेत्र में बड़ा कदम
यह करार इंडिया एनर्जी वीक 2025 के तीसरे संस्करण के दौरान हुआ। दोनों कंपनियां बैटरी स्टोरेज तकनीक, ग्रिड स्थिरता, नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण, हाइब्रिड ऊर्जा समाधान, औद्योगिक और वाणिज्यिक स्टोरेज, माइक्रोग्रिड, बैकअप पावर और इलेक्ट्रिक वाहन (EV) चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर पर मिलकर काम करेंगी।
ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार की ओर बढ़ता कदम
ONGC के चेयरमैन और CEO अरुण कुमार सिंह ने कहा,
“भारत स्थायी ऊर्जा की ओर बढ़ रहा है और ONGC स्वच्छ ऊर्जा पहलों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। Tata Power Renewable के साथ यह साझेदारी ऊर्जा भंडारण क्षमता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
TPREL के CEO & MD दीपेश नंदा ने कहा,
“बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) ग्रिड की विश्वसनीयता बढ़ाने, नवीकरणीय ऊर्जा को बेहतर तरीके से एकीकृत करने और भारत के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में अहम भूमिका निभाएगा।”
भारत के 2030 के ऊर्जा लक्ष्यों की दिशा में बड़ा योगदान
भारत ने 2030 तक 500 GW नॉन-फॉसिल ईंधन क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है। इस समझौते के तहत, ONGC और TPREL मिलकर बैटरी स्टोरेज सिस्टम में नवाचार लाने और एक स्थायी ऊर्जा भविष्य की दिशा में काम करेंगे।
गौरतलब है कि TPREL ने हाल ही में छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में भारत की सबसे बड़ी 100 MW सोलर पीवी प्लांट और 120 MWh यूटिलिटी-स्केल बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा किया है।
यह साझेदारी न केवल भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेगी बल्कि सौर और पवन ऊर्जा को प्रभावी रूप से ग्रिड में शामिल करने में भी मदद करेगी। यह समझौता भारतीय ऊर्जा क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाने की क्षमता रखता है और स्वच्छ तथा हरित भविष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।