बढ़ती महंगाई से किसानों को राहत देने के लिए आरबीआई ने बिना गारंटी के अब दो लाख रुपए तक का कर्ज उपलब्ध कराने की घोषणा की है। अभी यह सीमा 1.6 लाख रुपए है। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने संभावित नकदी संकट को कम करने के लिए नकद आरक्षित अनुपात में 0.5 फीसदी की कटौती कर इसे चार फीसदी कर दिया है। इससे बैंकों को 1.16 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी। निर्यातकों को आसान शर्तों पर कर्ज मिल सकेगा। बैंकिंग प्रणाली में अब भी पर्याप्त नकदी बनी हुई है।
किसानों को बड़ी राहत
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा की जानकारी देते हुए बुधवार को कहा कि महंगाई और कृषि में उपयोग होने वाले कच्चे माल की लागत में वृद्धि को देखते हुए गारंटी फ्री एग्री लोन की सीमा को 1.6 लाख रुपए से बढ़ाकर दो लाख रुपये करने का निर्णय किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे वित्तीय संस्थानों से कर्ज लेने को लेकर छोटे और सीमांत किसानों का दायरा बढ़ेगा। आरबीआई ने 2010 में कृषि क्षेत्र को बिना किसी गारंटी के एक लाख रुपये देने की सीमा तय की थी। बाद में, 2019 में इसे बढ़ाकर 1.6 लाख रुपए कर दिया गया था। आरबीआई ने कहा कि इस संबंध में सर्कुलर जल्द ही जारी किया जाएगा।
रेपो रेट में 11वीं बार कोई बदलाव नहीं
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष की पांचवीं मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग में लगातार 11वीं बार पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। हालांकि इकोनॉमी में नकदी बढ़ाने के मकसद से केंद्रीय बैंक ने सीआरआर (कैश रिजर्व रेश्यो) को 4.5 फीसदी से घटाकर चार फीसदी कर दिया। इस कदम से बैंकों में 1.16 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी।
सीआरआर के तहत वाणिज्यिक बैंकों को अपनी जमा का एक निर्धारित हिस्सा नकद भंडार के रूप में केंद्रीय बैंक के पास रखना होता है। इसके साथ ही आरबीआई ने मौजूदा स्थिति को देखते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को भी 4.5 प्रतिशत बढ़ाकर 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।