निफ्टी और सेंसेक्स ने चौथे दिन भी गिरावट जारी रखी, जिससे निवेशकों की संपत्ति में 10.5 लाख करोड़ रुपये की कमी आई। यह गिरावट Federal Reserve द्वारा ब्याज दरों को लेकर की गई बयानबाजी के कारण आई, जिससे वैश्विक बाजारों में भारी बिकवाली देखने को मिली।
गिरावट की स्थिति
19 दिसंबर को NIFTY और Sensex लगातार चौथे दिन गिरावट के साथ बंद हुए। NIFTY 50 ने 24,000 के स्तर को खो दिया, जबकि Sensex 1,000 अंक गिरकर 79,218 के स्तर पर बंद हुआ। यह गिरावट अमेरिकी Federal Reserve के अध्यक्ष Jerome Powell द्वारा की गई Hawkish टिप्पणी के बाद आई। वैश्विक बाजारों में अमेरिकी बाजार में गिरावट आई, जिसके बाद जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग और चीन के बाजारों में भी बिकवाली देखी गई। इसके असर से भारतीय बाजार भी नहीं बच पाए।
Federal Reserve की बयानबाजी और उसकी प्रतिक्रिया
Federal Reserve ने अपनी ब्याज दर को 4.25-4.5 प्रतिशत तक घटाया, जिससे उम्मीद जताई गई थी कि बाजार में सुधार होगा। लेकिन, फेडरल रिजर्व ने 2025 के लिए महंगाई के अनुमान को बढ़ाकर 2.5 प्रतिशत कर दिया, जो पहले 2.1 प्रतिशत था। इसके साथ ही फेड ने संकेत दिया कि अगले साल केवल दो बार ब्याज दरों में कटौती की जाएगी, जो पहले की उम्मीदों से कम है। इस बयान के बाद वैश्विक बाजारों में भारी बिकवाली देखने को मिली।
Gold और American Dollar की स्थिति
Gold की कीमतों में भी गिरावट आई और यह दो प्रतिशत तक गिर गई, जबकि American 10 Year Bond Yield बढ़कर 4.45 प्रतिशत हो गई। साथ ही, American Dollar Index ने दो साल का उच्चतम स्तर 108.3 पर पहुंचकर वैश्विक बाजारों पर दबाव डाला।
सेंटरल सेक्टर्स की हालत
NIFTY Midcap 100 और NIFTY Small Cap 100 सूचियों में भी मामूली गिरावट देखी गई। बैंक्स, मेटल्स और टेक सेक्टर्स में सबसे बड़ी गिरावट रही, जिसमें इंफोसिस, एलटीआईमिंडट्री और अन्य टेक कंपनियां प्रमुख रूप से गिरने वाली थीं। अमेरिकी बांड यील्ड्स में वृद्धि और डॉलर की मजबूती ने भारतीय आईटी सेक्टर के लिए समस्याएं खड़ी कर दी हैं, जिससे विदेशी ग्राहकों के लिए आईटी सेवाओं की लागत बढ़ी है और इसके परिणामस्वरूप डिमांड कम हो सकती है।
फार्मा सेक्टर का प्रदर्शन
दूसरी तरफ, फार्मा कंपनियों ने बेहतर प्रदर्शन किया, जिसमें DR. Reddy Labs, CIPLA और LUPIN ने 1-4 प्रतिशत तक की वृद्धि की। इस कमजोरी के बाजार में ये कंपनियां कुछ हद तक अपने प्रदर्शन को बेहतर करने में सफल रहीं।
Nifty 50 के घटक
NIFTY 50 के तीन प्रमुख शेयरों, Nestle India, Asian Paints और Indusind Bank ने अपने 52-वीक लो पर पहुंच गए, जिससे उनके शेयरों की कीमतों में गिरावट आई। इन कंपनियों की गिरावट से निवेशकों की संपत्ति में 2.2 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, क्योंकि इनके शेयर 44 प्रतिशत तक गिर गए हैं।
निष्कर्ष
NIFTY और Sensex की लगातार गिरावट से यह साफ है कि निवेशकों को अगले कुछ दिनों में सतर्क रहने की आवश्यकता है। फेडरल रिजर्व की टिप्पणियों ने वैश्विक बाजारों को प्रभावित किया है, और भारतीय बाजार भी इससे अछूते नहीं रहे।