मकान खरीदने वालों को मोदी सरकार का तोहफा, अब 5 फीसदी ही देना होगा जीएसटी
मकान खरीदने वालों मोदी सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। जीएसटी परिषद की हुई बैठक में मकान खरीदने वाले ग्राहकों को तोहफा दिया गया। सरकार ने जीएसटी की दर कम कर दी है। अब निर्माणाधीन परियोजनाओं में मकानों पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है। सरकार की तरफ से कम की गई दरों का अब सीधे ही असर ही कारोबार पर देखने को मिलेगा। अफोर्डेबल हाउसिंग पर जीएसटी की दर 8 फीसद (अबेटमेंट के साथ) से घटाकर एक फीसद और सामान्य हाउसिंग पर जीएसटी 12 फीसद (अबेटमेंट के साथ) से घटाकर पांच फीसद करने का फैसला लिया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को जीएसटी परिषद की बैठक के बाद इस महत्वपूर्ण फैसले की जानकारी दी। अब इससे मकान खरीदारों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है, वहीं उद्योग परिषद ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। हालांकि इन नई दरों के बाद बिल्डर इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा नहीं किया जा सकेगा। वहीं, सरकार ने वाणिज्यिक संपत्ति के जीएसटी में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
इतने लाख तक के मकान पर मिलेगी छूट
सरकार की तरफ से दी जाने वाली छूट का फायदा महानगर और नगरों में अलग-अलग तरह से मिलेगा। इसके तहत महानगरों में 45 लाख रुपये तक की लागत वाले और 60 वर्ग मीटर क्षेत्रफल के मकानों को इस श्रेणी में रखा जाएगा, तो वहीं छोटे-मझोले शहरों में 90 वर्ग मीटर तक के मकानों को इस श्रेणी में रखा जाएगा। आवासीय परियोजनाओं के लिए जीएसटी की ये दरें एक अप्रैल, 2019 से लागू होंगी। सरकार की तरफ से लागू की गई इस नई व्यवस्था में निर्माणाधीन या ऐसे तैयार मकान जिनके लिए काम पूरा होने का प्रमाणपत्र (कंप्लीशन सर्टिफिकेट) नहीं मिला हो, उन पर खरीदारों को 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी देना पड़ता है। सरकार की तरफ से बनाई नई व्यवस्था में जीएसटी की दरों के तहत उन्हें (परियोजना निर्माताओं को) इनपुट कर की छूट का लाभ नहीं मिलेगा। बता दें कि जमीन-जायदाद की परियोजनाओं में ऐसे मकानों/भवनों पर जीएसटी नहीं लगाया जाता है, जिनकी बिक्री के समय ‘कंप्लीशन सर्टिफिकेट' मिल चुका होता है।
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किसने क्या कहा
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने बताया, "रियल एस्टेट क्षेत्र और आवासीय क्षेत्र से निर्माण को बढ़ावा मिलता है और इससे रोजगार का सृजन होता है। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है आसान कर व्यवस्था से घरों की बिक्री को बढ़ावा मिलेगा और इससे रोजगार भी बढ़ेगा।" वहीं, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि घर खरीदारों को सरकार की तरफ से बड़ी राहत दी गई है। अब जीएसटी काउंसिल ने निर्माणाधीन मकानों पर जीएसटी की दर 12 फीसद से घटाकर पांच फीसद कर दी है और इसमें इनपुट कर का लाभ खत्म करने का फैसला किया है। इसके अलावा काउंसिल ने किफायती आवासों पर भी जीएसटी दर को आठ फीसद से घटाकर एक फीसद करने का फैसला किया है। जीएसटी की नई दरें एक अप्रैल 2019 से प्रभावी होंगी।
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