उभरते स्टार्टअप्स को मोदी सरकार ने दी राहत, होगा बड़ा फायदा

सरकार ने एंजल इन्वेस्टर के कंट्रीब्यूशन सहित 10 करोड़ रुपये तक के कुल निवेश वाले स्टार्टअप्स को टैक्स में छूट की इजाजत दे दी है। सरकार के इस फैसले से छोटे उद्यमियों को बड़ी राहत मिली है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार किसी स्टार्टअप में हिस्सेदारी खरीदने वाले एंजल निवेशक का न्यूनतम नेटवर्थ दो करोड़ रुपये होना चाहिए या पिछले तीन वित्त वर्ष में 25 लाख रुपये से अधिक की आय होनी चाहिए।
मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, 'इस अधिसूचना के जरिए किए गये सुधारों से स्टार्टअप को आसानी से फंड उपलब्ध हो सकेगा जिससे नये कारोबार की शुरुआत कर पाना, स्टार्टअप पारिस्थितिकी को बढ़ावा देना, उद्यमिता को प्रोत्साहित करना और रोजगार सृजन को तेज करना सुनिश्चित हो सकेगा।'इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 56 के तहत कई स्टार्टअप्स ने एंजल फंड्स से जुड़े टैक्सेशन को लेकर चिंता जताई थी। इस सेक्शन के प्रोविजन एंटिटी को मिले फंड के टैक्सेशन से जुड़े हैं। इसके तहत टैक्स अथॉरिटीज अब तक कम से कम 18 स्टार्टअप्स को नोटिस भेज चुके हैं।इस सेक्शन के मुताबिक, अगर कोई कंपनी (क्लोजली हेल्ड) फेयर मार्केट वैल्यू से ज्यादा रेट पर शेयर इशू करती है तो कंपनी को इशू के लिए फेयर मार्केट वैल्यू से जितनी ज्यादा रकम मिलेगी, उसे दूसरे सोर्स से हासिल इनकम माना जाएगी और उसी हिसाब से टैक्स लगेगा।
स्टार्टअप्स को लगातार सात असेसमेंट ईयर में तीन में इनकम टैक्स बेनेफिट ले सकते हैं। इन कंसेशंस का फायदा उठाने के लिए स्टार्टअप्स को आठ मेंबर वाले इंटर मिनिस्ट्रियल बोर्ड ऑफ सर्टिफिकेशन से संपर्क करना होगा। मिनिस्ट्री के बयान के मुताबिक, 'डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन (DIPP) ने गजट नोटिफिकेशन जारी किया है। इसके जरिए इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत स्टार्टअप्स को मुहैया किए जाने वाले इंसेंटिव्स का दावा करने के वास्ते एप्लिकेशन देने के लिए इंटर मिनिस्ट्रियल बोर्ड पर आधारित बोर्ड का गठन किया गया है।'
1 अप्रैल 2016 को या उसके बाद प्राइवेट लिमिटेड कंपनी या लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप के तौर पर शुरू की गई स्टार्टअप टैक्स कंसेशन लेने की हकदार होगी। मिनिस्ट्री ने कहा है कि इनकम टैक्स एक्ट के तहत मिलने वाले एग्जेम्पशन के बाबत स्टार्टअप्स की अहम मांगों के मद्देनजर ये संशोधन किए गए हैं। हाल में स्टार्टअप्स ने एंजल टैक्स प्रोविजन को लेकर होने वाली कई समस्याओं से सरकार को अवगत कराया था। उनका कहना था कि ये प्रोविजंस उनके लिए फायदेमंद नहीं हैं।
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