MBA करने के बाद पक्की नौकरी छोड़ चंडीगढ़ में रेहड़ी चला रही है यह लड़की

भारत में लोग बेहतर नौकरी पाने के लिए एमबीए करते हैं, लेकिन आज की जो कहानी है वो इसके उलट है। हरियाणा के अंबाला की राधिका ने एमबीए पास करने के बाद अपनी पक्की जॉब छोड़कर खाने की रेहड़ी लगा दी है।
सपने छोटे हो या बड़े, उनको पूरा करने के लिए जरूरत होती है जोश और आत्मविश्वास की। इस बात को राधिका ने साबित कर दिखाया है। काम कोई भी हो उसे करने की लगन चाहिए होती है और फिर कामयाबी आपके साथ चल पड़ेगी।
क्या है पूरा मामला?
हरियाणा के अंबाला की राधिका ने मोहाली इंडस्ट्रियल एरिया में एक फूड ज्वाइंट खोला है, इस फूड ज्वाइंट की सबसे मजेदार और अनोखी बात ये है कि इसको चलाने वाली राधिका ने एमबीए किया है और वे रिलायंस में एचआर की शानदार नौकरी छोड़कर मोहाली में खाने की रेहड़ी लगा रही हैं।
घर के खाने की याद ने दिया बिजनेस का आइडिया
बीकॉम की पढ़ाई के बाद एमबीए करने के लिए राधिका अंबाला से चंडीगढ़ आ गई थी और उसी दौरान उन्होंने पेइंग गेस्ट में रहना शुरू किया। यहां रहने के दौरान राधिका को पेइंग गेस्ट का खाना अच्छा नहीं लगता था, खाने की समस्या ने राधिका को नौकरी के दौरान काफी परेशान किया। तभी उन्हें लगा कि कहीं और नौकरी करने से अच्छा है अपना काम शुरू किया जाए। राधिका ने पढ़ाई के दौरान सबसे ज्यादा घर के खाने को याद किया था इसलिए उन्हें फूड ज्वाइंट खोलना तय किया।
राधिका स्वभाव से चुलबुली और काफी एक्टिव हैं। रास्ता चुन लेना और उस पर चलना बहुत मुश्किल होता है। उन्होंने अपने बुलंद हौसले के साथ इस काम की शुरुआत की, लोगों को अपनेपन का एहसास कराने के लिए उन्होंने रेहड़ी का नाम रखा है 'MAA का PYAAR'। आज वो हर रोज घर से बाहर रहने वालों को घर का खाना बनाकर खिलाकर खुशियां फैला रही हैं।
क्या मिलता है उनकी रेहड़ी पर?
उनकी रेहड़ी पर राजमा-चावल, कढ़ी चावल, दाल-चावल और रोटी सब्जी सहित वो सब कुछ मिलता है जो घर में बनता है। मोहाली के इंडस्ट्रियल एरिया में वो रोजाना एक बजे से तीन बजे तक रेहड़ी लगाती हैं। आज करीब 100 से ज्यादा लोगों का खाना बनाने वाली लड़की को कभी खाना बनाना पसंद नहीं था, पर अब ऐसा जोश चढ़ा है की अकेले ही राधिका सब संभाल रही हैं। इस काम को शुरू करने के लिए उन्होंने एक लाख रुपये का निवेश किया था।
पिता को था संदेह
जब ये काम शुरू करना था तब उनके बिजनेसमैन पिता को कामयाबी मिलने पर संदेह था। इसकी वजह राधिका का लड़की होना था, क्योंकि किसी काम को करना आज के आधुनिक समाज में भी लड़कियों के लिए लड़कों की अपेक्षा अक्सर थोड़ा मुश्किल हो जाता है। इन सबके बावजूद राधिका के हौसल को देखते हुए परिवार के सभी सदस्यों ने उनका पूरा साथ दिया। अब वह चंडीगढ़ आईटी पार्क में भी ऐसा ठेला खोल चुकी हैं, जहां लंच के साथ-साथ, ब्रेकफास्ट की सर्विस मिलती है।
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