
शीत गृह में आलू रखना इस बार महंगा हो जाएगा। रखरखाव की लागत बढ्ने के चलते भंडारण की कीमत 20 रुपए प्रतिक्विंटल बढ़ा दी गई है। यह निर्णय लखनऊ में हुई उत्तर परदेश कोल्ड स्टोरेज एसोशिएशन की बैठक में लिया गया। अब सादा आलू 280 रुपए कुंतल से बढ़कर 300 रुपए व शुगर फ्री व चिप्सोना आलू का भाड़ा 320 रुपए से बढ़कर 340 रुपए प्रति कुंतल होगा। इससे किसानों की लागत बढ़ जाएगी।
लखनऊ के एक होटल में हुई इस बैठक में प्रदेश में सबसे अधिक आलू उत्पादन क्षेत्र के आगरा, अलीगढ़, कासगंज, मेरठ, मुजफ्फरनगर, इटावा, फर्रूखबाद, बरेली, फीरोजाबाद, मैनपुरी, बाराबंकी, लखनऊ, प्रयागराज व कानपुर सहित अन्य जिलों के शीतगृह स्वामी शामिल हुए। इनमें प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने संवाद किया।
अलीगढ़ कोल्ड स्टोरेज आनर्स एसोशिएशन के अध्यक्ष गिरराज गोदनी ने बताया है कि बैठक में खर्चों पर चर्चा की गई। बताया गया कि आलू किसानों के हित को देखते हुए पिछले दो वर्ष से आलू भंडारण का किराया नहीं बढ़ाया गया था। बिजली महंगी हुई है। केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों का डीए व वेतन वृद्धि का निर्णय लिया है। शीत गृह स्वामियों को अपने स्टाफ के 30 से 35 प्रतिशत कि वृद्धि करनी होगी।
किराया बढ़ने के कारण
- कोल्ड स्टोर में इस्तेमाल होने वाली अमोनिया गैस 75 से बढ़ कर 170 रुपये प्रति किलो पहुंची।
- कोल्ड स्टोर की मशीनरी, कलपुर्जे और सालाना रखरखाव लगभग 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ा।
- बीते दो वर्ष से आलू की भंडारण अवधि एक महीने (नवंबर) बढ़ाने से कोल्ड स्टोरों पर बढ़ा भार।
- कोल्ड स्टोर के स्टाफ और अन्य कर्मियों की तनख्वाह में 20 फीसदी इजाफा करने से बोझ बढ़ा।