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जानिए कौन हैं आरबीआई के नए गवर्नर शक्तिकांत दास, उनसे जुड़ी खास बातें
Posted By: Team IndiaWave
Last updated on : December 12, 2018
दो दिन पहले रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफा देने के बाद सरकार ने नया गवर्नर नियुक्त कर दिया है। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास को देश के केंद्रीय बैंक का नया गवर्नर नियुक्त किया गया है। वे आरबीआई के 25वें गवर्नर के तौर पर कार्यभार संभालेंगे। आर्थिक मामलों पर गहरी पकड़ रखने वाले शक्तिकांत 1980 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वे मूल रूप से ओडिशा के रहने वाले हैं और तमिलनाडु में उन्होंने अपनी सेवाएं दी हैं। 2016 में जब नरेंद्र मोदी सरकार ने नोटबंदी की घोषणा की थी, तो बहुत कम सरकारी अफसरों को इसकी जानकारी थी। वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों को देखने वाले सचिव शक्तिकांत दास उन अधिकारियों में से एक थे।
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खास बातें
- शक्तिकांत दास 1980 बैच के तमिलनाडु काडर के आईएएस अधिकारी हैं। दास दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में पोस्टग्रेजुएट हैं। वे अपने 37 वर्ष के लंबे कार्यकाल में केंद्र और राज्य में ज्यादातर आर्थिक एवं वित्त विभागों में ही तैनात रहे।
- शक्तिकांत दास को वित्त मंत्रालय में पहली बार 2008 में संयुक्त सचिव के तौर नियुक्त किया गया, जब पी. चिदंबरम वित्त मंत्री थे।
- शक्तिकांत दास को दिसंबर 2013 में रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय में सचिव बनाया गया, लेकिन मई 2014 में केन्द्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद उन्हें वापस वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव बनाया गया।
- पहले वह भाजपा सरकार में कालेधन के खिलाफ उठाये गये कदमों में शामिल रहे और उसके बाद माल एवं सेवाकर को लागू करने में आम सहमति बनाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई।
- सितंबर 2015 में शक्तिकांत दास आर्थिक मामले विभाग में स्थानांतरित किए गए, जहां उन्होंने नोटबंदी के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- नोटबंदी के बड़े झटके के दौरान सरकार का बचाव करते हुये उन्होंने न केवल आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई बल्कि अर्थव्यवस्था में 500 और 2,000 रुपये का नया नोट जारी करने और इसकी आपूर्ति बढ़ाने में भी अग्रणी भूमिका निभाई।
- शक्तिकांत दास रिजर्व बैंक के 25वें गवर्नर होंगे। उनकी सर्विस के दौरान उनके खिलाफ एक प्रतिकूल बात उस समय हुई थी जब भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने परोक्ष रूप से आरोप लगाया था कि उन्होंने महाबलिपुरम (तमिलनाडु) में एक जमीन को हड़पने के मामले में चिंदबरम की मदद की है। यह मामला उस समय का बताया गया जब दास तमिलनाडु में उद्योग सचिव थे।
- सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा आरोप लगाने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दास का पूरा बचाव किया था और कहा था कि यह एक अनुशासित सरकारी अधिकारी के खिलाफ अनुचित और असत्य आरोप है।
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