भारत और कतर में वीजा-साइबरस्पेस निवेश पर हुआ समझौता

भारत और कतर ने शनिवार को चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें वीजा, साइबरस्पेस और निवेश प्रमुख हैं। इन समझौतों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके कतर के समकक्ष शेख अब्दुल बिन नासिर बिन खलीफा अल थानी की अगुवाई में हुई प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत के बाद हस्ताक्षर किए गए। सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की और मौजूदा निवेश और सहयोग और व्यापार का क्षमता से काफी कम होना स्वीकार किया।
मोदी और अलथानी ने सहयोग बढ़ाने के लिए नागरिक उड्ढयन क्षेत्र को प्रमुख क्षेत्र माना। मोदी ने कहा कि भारत सालाना 80 लाख टन यूरिया का आयात करता है और कतर के साथ इसके दीर्घकालिक समझौते का स्वागत करेगा।
सुरक्षा हालत पर भी चर्चा की गई
वहीं, कतर के प्रधानमंत्री ने भारत को खाड़ी देशों में 2022 में होनेवाले फीफा वर्ल्ड कप की तैयारी में अवसंरचना क्षेत्र में निवेश के अवसरों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया। ऊर्जा सहयोग पर मोदी ने कहा कि हमें क्रेता-विक्रेता संबंध से आगे बढ़कर संयुक्त उद्यम, संयुक्त शोध व विकास तथा संयुक्त अन्वेषण पर आगे बढ़ना चाहिए। दोनों नेताओं ने मनी लांडरिंग और आंतकवादियों को वित्तीय मदद रोकने के लिए सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। इस बैठक में इराक, सीरिया और यमन के सुरक्षा हालत पर भी चर्चा की गई।
इसमें से एक समझौता राजनयिक पासपोर्ट, विशेष और आधिकारिक पासपोर्ट रखने वालों को एक-दूसरे देशों में वीजामुक्त यात्रा की अनुमति देता है। भारत और कतर के गृह मंत्रालय के बीच साइबर अपराध से लड़ने के लिए तकनीकी सहयोग के प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए। साथ ही दोनों देशों के व्यापारियों और पर्यटकों को ई-वीजा मुहैया कराने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। सुप्रीम कमेटी ऑफ डिलीवरी एंड लीगेसी ऑफ कतर तथा भारतीय उद्योग परिसंघ के बीच व्यापारिक भागीदारी को लेकर समझौता हुआ।
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