
वित्तीय विश्लेषक और वैल्यूएशन विशेषज्ञ Aswath Damodaran ने भारतीय शेयर बाजार की ऊंची कीमतों को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि भारतीय शेयर बाजार इस समय दुनिया में सबसे महंगा बना हुआ है, जहां 31 गुना अर्निंग (P/E रेशियो) पर निवेश करना तर्कसंगत नहीं है।
2025 में कमजोर प्रदर्शन के बावजूद सबसे महंगा बाजार
हालांकि, भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है, फिर भी 2025 में सेंसेक्स -3.5% गिरावट के साथ दुनिया के सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले बाजारों में से एक रहा। इसके बावजूद, भारतीय बाजार की वैल्यूएशन अन्य देशों की तुलना में बेहद महंगी बनी हुई है।
वहीं, अर्जेंटीना, ब्राजील और चिली के बाजारों ने जबरदस्त रिटर्न दिया है, जबकि चीन के शंघाई इंडेक्स ने भारत के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है।
दुनियाभर के प्रमुख शेयर बाजारों का प्रदर्शन (2025, 10 फरवरी तक)
इंडेक्स (देश/क्षेत्र) | 2025 रिटर्न (%) |
---|---|
MERVAL (अर्जेंटीना) | +17.46% |
Bovespa (ब्राजील) | +12.21% |
DAX (जर्मनी) | +9.05% |
Euro Stoxx 50 (यूरोप) | +8.39% |
Hang Seng (हांगकांग) | +6.6% |
Dow Jones (अमेरिका) | +4.13% |
Shanghai (चीन) | -1.2% |
Sensex (भारत) | -3.5% |
भारत में ऊंची कीमतों का क्या कारण?
Aswath Damodaran के अनुसार, भारत में निवेशकों को दूसरे बाजारों की तुलना में अधिक दाम चुकाने पड़ रहे हैं, जबकि कुछ अन्य देश जैसे जापान और दक्षिण कोरिया तुलनात्मक रूप से सस्ते बने हुए हैं।
उन्होंने कहा कि सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि मध्य पूर्व के बाजार भी महंगे दिखाई देते हैं, क्योंकि वहां वित्तीय सेवा कंपनियों की अधिक उपस्थिति है, जिनके राजस्व कम होने के बावजूद उनके स्टॉक्स ऊंचे भाव पर ट्रेड कर रहे हैं।
क्या है निवेशकों के लिए संदेश?
- भारत का शेयर बाजार दीर्घकालिक रूप से आकर्षक हो सकता है, लेकिन वर्तमान में इसकी वैल्यूएशन बहुत महंगी है।
- निवेशकों को अन्य सस्ते बाजारों जैसे जापान और दक्षिण कोरिया में अवसरों की तलाश करनी चाहिए।
- लंबी अवधि में मुनाफे के लिए निवेशकों को बाजार की सही एंट्री और एग्जिट टाइमिंग पर ध्यान देना चाहिए।
Aswath Damodaran की यह राय उन निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है, जो महंगे बाजार में निवेश करने से पहले सावधानी बरतना चाहते हैं।