
भारत के सबसे बड़े निजी बैंक, HDFC बैंक ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में अपने शुद्ध लाभ में 2.2% की वृद्धि दर्ज की है। बैंक का शुद्ध लाभ ₹16,735.5 करोड़ तक पहुंच गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी तिमाही में यह ₹16,372.54 करोड़ था।
प्रमुख आंकड़े और उपलब्धियां
- शुद्ध ब्याज आय (NII):
इस तिमाही में NII 7.6% बढ़कर ₹30,655 करोड़ हुई, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में ₹28,871.3 करोड़ थी। - प्रोविजन और खराब कर्ज:
प्रोविजन 25% घटकर ₹3,153 करोड़ रह गया, जबकि पिछले तिमाही की तुलना में 16.8% बढ़ा। - कुल अग्रिम (Advances):
कुल अग्रिम में 1.3% की धीमी वृद्धि के साथ ₹25.18 लाख करोड़ तक पहुंच गया। - जमा वृद्धि (Deposits):
बैंक की जमा राशि 15.8% बढ़कर ₹25.6 लाख करोड़ हो गई।
बैंक की परिसंपत्ति गुणवत्ता में गिरावट
HDFC बैंक की ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (GNPA) इस तिमाही में 1.42% तक बढ़ गई, जो पिछली तिमाही में 1.36% और पिछले वर्ष की समान तिमाही में 1.28% थी।
अन्य प्रमुख तथ्य
- खुदरा ऋण में वृद्धि: 10%
- ग्रामीण और व्यावसायिक ऋण में वृद्धि: 11.6%
- कॉर्पोरेट ऋण में गिरावट: 10.4%
- बैंक शाखाएं और एटीएम:
31 दिसंबर 2024 तक बैंक के पास 9,143 शाखाएं और 21,049 एटीएम थे। - कर्मचारियों की संख्या:
2,10,219 कर्मचारियों के साथ बैंक ने पिछले वर्ष की तुलना में अपनी टीम का विस्तार किया है।
शेयर मूल्य में वृद्धि
HDFC बैंक के बेहतर नतीजों के बाद इसके शेयर 1.57% चढ़कर ₹1,668.25 प्रति शेयर पर बंद हुए।
HDFC बैंक की यह स्थिर वृद्धि और मजबूत वित्तीय प्रदर्शन इसे भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करता है।