GST काउंसिल ने तय की दरें, जानिए क्या होंगे फायदे

वित्तीय सुधारों की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ते हुए जीएसटी काउंसिल ने टैक्स स्लैब तय कर दिए है। इसके बाद से GST के 1 जुलाई से लागू किए जाने का रास्ता साफ हो गया है।
काउंसिल ने फिलहाल 1,211 उत्पादों पर लगने वाले टैक्स की दरें तय की हैं। इनमें से ज्यादातर आइटम्स को 18 पर्सेंट स्लैब के दायरे में रखा गया है। आम आदमी के लिए राहत की बात यह है कि नई टैक्स प्रणाली से रोजमर्रा की वस्तुओं को बाहर रखा गया है।
इन उत्पादों पर नहीं लगेगा कोई टैक्स
फ्रेश मीट, फिश चिकन, अंडा, दूध, बटर मिल्क, दही, शहद, फल एवं सब्जियां, आटा, बेसन, ब्रेड, प्रसाद, नमक, बिंदी, सिंदूर, स्टांप. न्यायिक दस्तावेज, प्रिंटेड बुक्स, अखबार, चूड़िया और हैंडलूम जैसे तमाम रोजमर्रा की जरूरतों के आइटम्स को जीएसटी के दायरे से ही बाहर रखा गया है।
इन पर देना होगा 5 प्रतिशत टैक्स
फिश फिलेट, क्रीम, स्किम्ड मिल्ड पाउडर, ब्रैंडेड पनीर, फ्रोजन सब्जियां, कॉफी, चाय, मसाले, पिज्जा ब्रेड, रस, साबूदाना, केरोसिन, कोयला, दवाएं, स्टेंट और लाइफबोट्स जैसे आइटम्स को टैक्स की सबसे निचली 5 पर्सेंट की दर में रखा गया है।
इन पर देना होगा 12 प्रतिशत टैक्स
फ्रोजन मीट प्रॉडक्ट्स, बटर, पनीर, पैकेज्ड ड्राई फ्रूट्स, ऐनिमल फैट, सॉस, फ्रूट जूस, भुजिया, नमकीन, आयुर्वेदिक दवाएं, टूथ पाउडर, अगरबत्ती, कलर बुक्स, पिक्चर बुक्स, छाता, सिलाई मशीन और सेल फोन जैसी जरूरी आइटम्स को 12 पर्सेंट के स्लैब में रखा गया है।
इन चीजों पर ढीली होगी आपकी जेब
फ्लेवर्ड रिफाइंड शुगर, पास्ता, कॉर्नफ्लेक्स, पेस्ट्रीज और केक, प्रिजर्व्ड वेजिटेबल्स, जैम, सॉस, सूप, आइसक्रीम, इंस्टैंट फूड मिक्सेज, मिनरल वॉटर, टिशू, लिफाफे, नोट बुक्स, स्टील प्रॉडक्ट्स, प्रिंटेड सर्किट्स, कैमरा, स्पीकर और मॉनिटर्स पर 18 फीसदी जीएसटी लगाने का फैसला लिया गया है।
इन वस्तुओं पर देना होगा सबसे ज्यादा 28 प्रतिशत टैक्स
चुइंग गम, गुड़, कोकोआ रहित चॉकलेट, पान मसाला, वातित जल, पेंट, डीओडरन्ट, शेविंग क्रीम, हेयर शैम्पू, डाइ, सनस्क्रीन, वॉलपेपर, सेरेमिक टाइल्स, वॉटर हीटर, डिशवॉशर, सिलाई मशीन, वॉशिंग मशीन, एटीएम, वेंडिंग मशीन, वैक्यूम क्लीनर, शेवर्स, हेयर क्लिपर्स, ऑटोमोबाइल्स, मोटरसाइकल, निजी इस्तेमाल के लिए एयरक्राफ्ट और नौकाविहार को लग्जरी मानते हुए जीएसटी काउंसिल ने 28 फीसदी का टैक्स लगाने का फैसला लिया है।
जानिए क्या है जीएसटी
जीएसटी का मतलब गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स है। इसको केंद्र और राज्यों के 17 से ज्यादा इनडायरेक्ट टैक्स के बदले में लागू किया जाएगा। ये ऐसा टैक्स है, जो देशभर में किसी भी गुड्स या सर्विसेज की मैन्युफैक्चरिंग, बिक्री और इस्तेमाल पर लागू होगा।
इससे एक्साइज ड्यूटी, सेंट्रल सेल्स टैक्स, स्टेट के सेल्स टैक्स यानी वैट, एंट्री टैक्स, लॉटरी टैक्स, स्टैंप ड्यूटी, टेलिकॉम लाइसेंस फीस, टर्नओवर टैक्स, बिजली के इस्तेमाल या बिक्री और गुड्स के ट्रांसपोर्टेशन पर लगने वाले टैक्स खत्म हो जाएंगे। आसान शब्दों में कहें तो जीएसटी पूरे देश के लिए इनडायरेक्ट टैक्स है, जो भारत को एक समान बाजार बनाएगा।
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