सरकार 1 हजार जनऔषधि केंद्र खोलेगी... जानें, कैसे बनें इसका हिस्सा

केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि उसका लक्ष्य 1,000 प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केद्र (पीएमबीजेके) स्थापित करने का है, जो कि 'मिशन 3000' केंद्र के तहत ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में खोले जाएंगे। पीएमबीजेके के तहत मार्च तक केंद्र सरकार ने 3,000 जनऔषधि केंद्र खोलने की योजना बनाई है।
रसायन और उर्वरक मंत्रालय के मुताबिक 'ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसयू ऑफ इंडिया (बीपीपीआई)' और 'नेशनल युवा कॉपरेटिव सोसाइटी (एनवाईसीएस)' के बीच इस पहल को लेकर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया है।
रसायन, उवर्रक और संसदीय मामलों के मंत्री एच. एन. अनंत कुमार ने कहा कि जनऔषधि केंद्र की संख्या बढ़कर 750 दुकानों की हो चुकी है। इस तरह से पिछले ढाई सालों में इसमें 7 गुणा तेजी आई है। मंत्री के हवाले से एक बयान में कहा गया, 'देश भर में जनऔषधि केंद्र खोलने के अब तक 20,000 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें से 5,000 आवेदनों को शुरुआती मंजूरी दे दी गई है। सरकार का इरादा देश के सभी ब्लॉक और ग्राम पंचायत में जनऔषधि केंद्र खोलने का है। ' मंत्री ने बताया कि सरकार देशी जेनेरिक ड्रग उद्योग को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है, ताकि उसे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके।
क्या है जनऔषधि परियोजना?
जनऔषधि परियोजना भारत सरकार के फार्मास्क्युटिकल्स विभाग द्वारा संचालित एक अभियान है , इस परियोजना के तहत आम नागरिकों को बाजार से 60 से 70 फीसदी कम कीमत पर दवाइयां मुहैया कराने के उद्देश्य से केंद्र सरकार जल्द ही देशभर में 1000 से ज्यादा जन औषधि केंद्र खोलेगी। अगर आप बेहद कम खर्चे में अपना एक उद्यम लगाना चाहते हैं तो आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि महज दो लाख रुपये में इन जन औषधि केंद्रों का ठेका प्राप्त कर सकते हैं।
कौन खोल सकता है जनऔषधि केंद्र ?
कोई भी व्यक्ति या व्यवसायी, अस्पताल, NGO, चैरिटेबल संस्था, फार्मासिस्ट, डॉक्टर, और मेडिकल प्रैक्टिसनर जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदन कर सकता है। SC, ST, एवं दिव्यांग आवेदकों को जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए 50,000 रुपये तक की दवाइयां अग्रिम रूप से दी जायेंगी।
जरूरी दस्तावेज
व्यक्तिगत आवेदन करने के लिए आधार कार्ड एवं पैन कार्ड की आवश्यकता होगी। संस्थान/NGO/हॉस्पिटल/चैरिटेबल संस्था को आवेदन करने के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड , गठन का प्रमाणपत्र एवं पंजीयन प्रमाण पत्र की की आवश्यकता होगी। आपके पास कम से कम 10 वर्ग मीटर की जगह होनी चाहिए, आप चाहे तो किराये पर भी ले सकते हैं।
सरकार क्या देगी सहायता?
1- दवाइयों पर प्रिंट कीमत से 16% तक का प्रॉफिट
2- दो लाख रुपयों तक की एक मुश्त वित्तीय सहायता
3- जन औषधि स्टोर को 12 महीनों के लिए उसकी sale का 10% अतरिक्त इंसेंटिव दिया जायेगा। अधिकतम 10000 रुपये प्रति महीने होगा।
4- पूवोत्तर राज्यों/ नक्शल प्रभावित इलाकों/ आदिवासी इलाकों में यह इंसेंटिव 15% और इंसेंटिव राशि 15000 रुपये प्रति महीने होगी।
अगर आप जनऔषधि केंद्र के लिए अप्लाई करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें।
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