'रेरा' से आएगा रियल एस्टेट सेक्टर में 'राम राज', ग्राहकों को मिलेगी राहत

हर किसी को अपने सपनों का घर प्यार होता है और उसे बनाने में वह अपने जीवनभर की कमाई लगा देता है। लेकिन कभी-कभी आपके जीवन की गाढ़ी कमाई पर कुछ बिल्डर्स की बुरी नजर लग जाती है और आप उनके झांसे में आकर परेशान हो बैठते हैं।
लेकिन अब आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। क्योंकि नौ वर्षों के लंबे इंतजार के बाद सोमवार 1 मई से रियल एस्टेट (रेग्युलेशन ऐंड डिवेलपमेंट) ऐक्ट यानी 'रेरा' एक साथ पूरे देश में लागू हो रहा है। यह एक ओर खरीदारों को सुरक्षा का अहसास कराएगा, तो दूसरी ओर इस सेक्टर से जुड़े डेवलपर्स के लिए भी यह मील का पत्थर साबित होगा। आइए जानते हैं इस नए कानून से किसको, क्या फायदा होने वाला है...
रियल एस्टेट सेक्टर में नए युग की शुरुआत
शहरी विकास मंत्री एम.वेंकैया नायडू का कहना है कि 'रियल एस्टेट सेक्टर में यह एक नए युग की शुरुआत है। एक मई से कानून लागू होने के बाद खरीददार वाकई में किंग बन जाएगा और यह कानून उसके सभी अधिकारों को सुरक्षा देगा। खरीददार से धोखाधड़ी करने वाला कोई भी व्यक्ति बच नहीं पाएगा।'
इस कानून के तहत सिर्फ रियल एस्टेट कंपनियों को ही नहीं बल्कि बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले रियल एस्टेट एजेंट को भी अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इन रियल एस्टेट एजेंटस को एक तय फीस भी रेग्युलेटर को जमा करनी होगी। अगर ये एजेंट भी खरीददार से झूठे वादे करने के दोषी पाए गए तो इन पर भी कानून का शिकंजा कसेगा।
सरकारी विकास प्राधिकरण भी आएंगे दायरे में
ऐसा नहीं है कि इस कानून के दायरे में सिर्फ प्राइवेट बिल्डर या डिवेलपर्स ही आएंगे। हाउजिंग और कमर्शल प्रॉजेक्ट बनाने वाले डीडीए, जीडीए जैसे संगठन भी इस कानून के दायरे में आएंगे यानी अगर डीडीए भी वक्त पर फ्लैट बनाकर नहीं देता तो उसे भी खरीददार को उसकी जमा राशि पर ब्याज देना होगा। यही नहीं कमर्शल प्रॉजेक्टस पर भी रियल एस्टेट रेग्युलेटरी कानून लागू होगा।
नए के अलावा पुराने प्रॉजेक्टस पर भी होगा लागू
नया लॉन्च होने वाले प्रॉजेक्टस पर तो लागू होगा ही, 30 अप्रैल तक जिन प्रॉजेक्टस को कंप्लीशन सर्टिफिकेट नहीं मिला, वे सभी इस कानून के दायरे में आएंगे।
बिल्डर्स को अपने लॉन्च होने वाले नए प्रॉजेक्टस का तो रजिस्ट्रेशन तो कराना ही होगा, साथ ही 30 अप्रैल को जो प्रोजेक्टस कंप्लीट नहीं हुए, उनका भी तीन महीने के अंदर रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
इस तरह से इन प्रॉजेक्टस में बिल्डर ने कोई गड़बड़ी की है तो उस पर भी यही कानून लागू होगा और देरी होने पर उसे खरीददारों को ब्याज देना होगा।
रियल एस्टेट सेक्टर की बम बम
इस कानून के लागू होने से ऐसा नहीं है कि सिर्फ खरीददार को ही फायदा होगा बल्कि इसका फायदा इस सेक्टर को भी होगा। जानकारों का मानना है कि अब तक ब्लैक मनी के ठिकाने के रूप में बदनाम रहे इस सेक्टर में पारदर्शिता आएगी।
रेग्युलेटर होने की वजह से डिवेलपर और बिल्डरों की कंपनी का पूरा ब्योरा रेग्युलेटर के पास होगा। चूंकि रेग्युलेटर के पास रजिस्टर कराने के लिए सभी डॉक्युमेंट्स के साथ ही वित्तीय जानकारी भी देनी होगी।
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