महिला सशक्तिकरण से ऐसे बढ़ेंगे व्यापार और नौकरी के अवसर

भारत में हर पांच में से चार महिला उद्यमी बनना चाहती है। देश में करीब 1.55 करोड़ नए कारोबार और 6.4 करोड़ अतिरिक्त नौकरियों का सृजन करने की क्षमता है, जो वह महिलाओं की राह की बाधाओं को दूर नहीं कर पाने के कारण खो रहा है।
फेसबुक द्वारा किए गए एक अध्ययन में बुधवार को यह जानकारी दी गई। इस अध्ययन से पता चला है कि केवल 52 फीसदी महिलाएं ही आज किसी व्यापार को शुरू करने लिए सशक्त हैं। इससे न सिर्फ अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि 1.55 करोड़ नए व्यापार और 6.4 करोड़ अतिरिक्त नौकरियों के साल 2021 के अंत तक सृजन करने में मदद मिलेगा।
छोटे व्यापारिक समुदायों का उदय होगा
फेसबुक इंडिया, दक्षिण और केंद्रीय एशिया के निदेशक (सार्वजनिक नीति) अंखी दास ने कहा, 'अगर हम महिलाओं की उद्यमशीलता की काफी हद तक अप्रयुक्त क्षमता का दोहन करें और उन्हें अधिक से अधिक सहायता प्रदान करें तो इससे और अधिक नौकरियां पैदा होंगी, आर्थिक विकास होगा तथा विविधता से भरपूर छोटे व्यापारिक समुदायों का उदय होगा।'
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव अरुणा सुंदरराजन ने कहा कि महिलाओं में जबरदस्त क्षमता है, लेकिन अक्सर सही मंच की कमी के कारण वे अपनी क्षमता का दोहन नहीं कर पाती हैं। लेकिन फेसबुक उनके लिए बड़ा अवसर मुहैया कराने में जुटा है।
गहरी भागीदारी बनाने की कोशिश
सुंदरराजन ने कहा, 'हम महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए फेसबुक जैसे मंच के साथ साझेदारी से बहुत आशावादी हैं। हम प्रौद्योगिकी के माध्यम से महिला की आजीविका की बेहतरी के लिए गूगल, सिस्को और इंटेल जैसी प्लेटफार्म के साथ गहरी भागीदारी बनाने की कोशिश कर रहे हैं।'
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस जो 8 मार्च को मनाया जाता है। उससे पहले फेसबुक ने 'शीलीड्सटेक (वह प्रौद्योगिकी का नेतृत्व करतीं है)' कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम के तहत महिलाओं द्वारा स्थापित या उनकी साझेदारी में स्थापित स्टार्टअप्स को एक साल के लिए उपकरण, संरक्षण और संसाधन मुहैया कराएगी, ताकि वे बाधाओं से पार पाकर सफलता के प्रतिमान स्थापित कर पाएं।
सुंदराजन ने जोर देकर कहा, 'फेसबुक की दो शक्तिशाली पहल हैशटैगशीमींसबिजनेस और नया हैशटैगशीलीड्सटेक कार्यक्रम युवा महिला उद्यमियों के लिए बहुत सारे मौके उपलब्ध कराएगा, चाहे वो छोटे शहरों की हो (जहां इंटरनेट की सुविधा सीमित होती है) या फिर उपनगरीय क्षेत्र की हो जो वित्तीय संसाधनों की कमी से जूझ रही होतीं है। उन सबको इस कार्यक्रम के तहत अवसर मुहैया कराया जाएगा।'
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