'ब्लैक राइस' से बदल सकती है किस्मत, आर्थिक स्थिति के साथ बनाएगा सेहतमंद

पंजाब में इस बार पहली मर्तबा “ब्लैक राइस” की खेती की गई है। ये खेती की है फाजिल्का जिले के खानपुर गांव के युवा किसान इन्दर सैन ने। जिसने अभी कुछ ही रकबे में “ब्लैक राइस” लगाया है। इस फसल के जहां स्वास्थ्य स्तर पर बड़े लाभ है। वहीं ये खेती खासकर कर्जदार किसानों के लिए मसीहा साबित हो सकती है।
बड़े-बड़े पौधों की ऊंचाई में खड़ी ये फसल कोई सरकंडे नहीं बल्कि ये वो फसल है, जो किसानों के लिए मसीहा साबित हो सकती है। जिले के फाजिल्का के गांव खानपुर के एक किसान ने पंजाब भर में एक नई पहल की है। घर में कैंसर के मरीज के इलाज के लिए खानपुर के वासी किसान इन्दर सैन ने इंटरनेट पर आयुर्वैदिक दवा के लिए सर्च किया तो ब्लैक राईस की जानकारी किसान के सामने आई। जिसने उसके पारिवारिक सदस्य के इलाज में ही मदद नहीं की बल्कि परिवार के आर्थिक ढांचे में भी सुधार कर दिया है। किसान द्वारा इस किस्म की फसल का बीज असम के मणिपुर से लाया गया। जिसकी उसने महज दो कनाल जगह में बिजाई की गई और किसी भी तरह की कोई भी दवा का कोई छिड़काव नहीं किया।
किसान ने बताया कि जैविक खेती के जरिए खेत में खड़े “ब्लैक राइस” के ये पौधों की ऊंचाई 5 फीट से ज्यादा है। 7-8 दिनों में फसल पककर तैयार हो जाएगी। इसका झाड़ 15 से 20 क्विंटल प्रति एकड़ तक रहने की उम्मीद है। खास बात ये है कि इसमें रासायनिक खाद डालने की जरुरत नहीं पड़ती। परचून मार्किट में “ब्लैक राइस” का रेट 500 रुपए प्रतिकिलो है।
विशेषज्ञों का मानना है कि पौष्टिक तत्वों से भरपूर इस धान को खाने से कई तरह के रोग ठीक होते हैं। ब्लैक राइस शारीरिक कमजोरी को दूर करने में भी मददगार है। यह अल्जाइमर और शुगर से भी बचाता है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक होते हैं। ये बॉडी को डिटॉक्स करते हैं। इसके सेवन से मोटापा कम होता है। इतना ही नहीं दिल के मरीजों के लिए “ब्लैक राइस” फायदेमंद है। इसमें मौजूद एथोसाइनिन नामक एंटी-ऑक्सीडेंट हार्ट अटैक की आशंका कम करता है। यह धमनियों में प्लाक नहीं जमने देता जो दिल का दौरा पड़ने की प्रमुख वजह है। एथोसाइनिन फाइटोकेमिकल्स का एक ग्रुप है जो ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल में रखता है। यह कैंसर में भी फायदेमंद है। यानी भाव में किसान को ये खेती सोना उगलेगी तो स्वास्थ्य के लिए भी इलाके के लोगों को भरपूर फायदा होगा
उधर इलाके के राईस मिलर इस किसम के लिए इंतज़ार में है मिलर रंजम कामरा का कहना है कि इस किसम से किसान का कर्ज खत्म होगा किसानी ऊपर आएगी तो इंड्रस्ट्रियल क्षेत्र में भी पड़े घाटे साफ हो जाएंगे। जबकि सबंधित विभाग के मुताबिक जिले में की गई इस किस्म की खेती के लिए विशेष तौर पर यूनिवर्सिटी द्वारा दौरा किया जा चुका है। इस फसल के कटने के बाद लैब के जरिए इसके तौर तरीके को टेस्ट किया जाएगा, जिसके बाद फाइनल रिपोर्ट दी जाएगी।
किसानों के मुताबिक ये फसल पंजाब की किसानी को फिर से मजबूत करेगी। अगर सरकार इस फसल के मंडीकरण के लिए विशेष कदम उठाए तो किसानों की आर्थिक स्थिति बदल सकती है। पंजान सरकार किसानों की आर्थिक स्थिती सुधाने के लिए इस खेती को बढ़ा दे सकती है।
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