
डिजिटल स्ट्रीमिंग की तरफ बढ़ते रुझान को रोकने के लिए टाटा समूह और भारती समूह अपने अपने सेटेलाइट टीवी कारोबार का विलय करेंगे। दोनों कंपनियों के विलय से 1.6 अरब डालर की नई कंपनी बनेगी।
जानकारी के मुताबिक एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि नई कंपनी का परिचालन भर्ती एयरटेल द्वारा किए जाने की उम्मीद है। नई कंपनी में भारती एयरटेल की हिस्सेदारी 52 से 55 प्रतिशत के बीच होगी जबकि शेष हिस्सेदारी टाटा प्ले के पास होगी जिसमें वाल्ट डिजनी भी शामिल है। हालांकि इस संबंध में भारती एयरटेल टाटा प्ले और डिज्नी ने कोई प्रतिकृया नहीं दी है।
हाल ही में मुकेश अंबानी के रिलायंस ग्रुप ने जियोहॉटस्टार के मर्जर के बाद इसे एक सशक्त ओटीटी प्लेटफॉर्म के रूप में स्थापित किया है। यह प्लेटफॉर्म जियोसिनेमा और डिज्नी+ हॉटस्टार के विलय से बना है, और इसमें बॉलीवुड, हॉलीवुड, साउथ इंडियन फिल्में, वेब सीरीज, डॉक्यूमेंट्री, और बहुत कुछ उपलब्ध है। जियोहॉटस्टार पर करीब 3 लाख घंटे से ज्यादा कंटेंट है। अब एयरटेल और टाटा ग्रुप के इस बड़े कदम का उद्देश्य इस डिजिटल मीडिया युद्ध में मुकेश अंबानी को चुनौती देना है। दोनों कंपनियों की योजना है कि वे अपने घटते हुए DTH कारोबार को एक साथ मर्ज कर एक मजबूत प्रतिस्पर्धी खड़ा करें। जो टाटा प्ले के साथ मिलकर भारत के सबसे बड़े DTH सर्विस प्रदाता का निर्माण करेगा।
डीटीएच सेक्टर में दूसरा सबसे बड़ा मर्जर
यह मर्जर डिश टीवी और वीडियोकॉन डी2एच के 2016 में हुए मर्जर के बाद डीटीएच सेक्टर का दूसरा सबसे बड़ा सौदा होगा। उम्मीद की जा रही है कि यह मर्जर आने वाले दिनों में भारतीय मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव ला सकता है, खासकर तब जब रिलायंस इंडस्ट्रीज ने जियोस्टार नाम से एक नया डिजिटल प्लेटफॉर्म भी स्थापित किया है। भारतीय डीटीएच बाजार में ग्राहकों का रुझान ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की ओर बढ़ रहा है, जिसके कारण टेलीकॉम ऑपरेटर और डीटीएच सर्विस प्रोवाइडर्स अपनी रणनीतियों में बदलाव कर रहे हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि एयरटेल इस क्षेत्र में पे-टीवी बाजार के सबसे बड़े खिलाड़ी बने रहेंगे, खासकर जब वे टेलीकॉम, ब्रॉडबैंड और डीटीएच सेवाओं को बंडल करने की क्षमता रखते हैं।