
एक सप्ताह पहले आम आयकरदाता को केंद्र सरकार ने बजट 2025-26 के जरिये आय कर में बड़ी राहत देने की घोषणा की थी। अब आम आदमी को आरबीआई की तरफ से भी राहत मिली है। यह राहत होम लोन, आटो लोन, पर्सनल लोन या दूसरे बैंकिंग कर्ज की दरों में कटौती से मिलने वाली है। आरबीआई के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में तीन दिनों तक चली मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपों रेट में पांच वर्ष बाद 0.25 प्रतिशत की कटौती का फैसला किया गया। इस कटौती के बाद रेपों रेट 6.50 प्रतिशत से घटकर 6.25 प्रतिशत रह गया है। रेपों रेट घटने से आम ग्राहकों की मासिक किस्त कम होगी।
रेपों रेट में 25 आधार अंकों की कटौती का असर देश की इकोनोमी पर भी होगा। इससे रियल इस्टेट के साथ आटोमोबाइल की मांग बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। आम बजट में कर राहत अब लोन की किस्तों में राहत के बाद सरकार की मंशा जीएसटी दरों को भी घटाने की है। यह तीनों कदम मिलकर देश की सुस्त होती इकोनोमी को तेज करने में मदद करेंगे। उल्लेखनीय तथ्य यह है कि आरबीआई के नए गवर्नर मल्होत्रा की अगुवाई में हुई एमपीसी की पहली बैठक में ही ब्याज दरों को घटाने की सहमति बन गई। पिछले ढाई वर्षों से रेपों रेट स्थिर बना हुआ था।
आरबीआई गवर्नर ने चालू वित्त वर्ष के दौरान देश की आर्थिक विकास दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है जो पिछले चार वर्षों की सबसे कम दर होगी। उन्होने वैश्विक अनिश्चितता को एक बड़ी चिंता के तौर पर चिन्हित किया लेकिन भारतीय इकोनोमी के कई आधारभूत तत्वों को मजबूत बनाते हुए 2025-26 में आर्थिक विकास दर के 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया। यह वित्त मंत्रालय के आंकलन के मुताबिक ही है। जब की मंहगाई दर 4.2 प्रतिशत रहने की बात कही गई है। जब कि चालू वित्त वर्ष में महंगाई दर 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।
आम ग्राहकों को मिलेगा कटौती का लाभ
देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने संकेत दिया है कि वह रेपों रेट में कटौती का लाभ आम ग्राहकों को भी देगा। एसबीआई के चेयरमैन सीएस सेठी ने कहा कि ब्याज दरों के चक्र में नरमी लाने के लिए 25 आधार अंकों की कटौती का आरबीआई का फैसला एकदम सही समय पर हुआ है। संकेत है कि अधिकांश बैंकों की तरफ से अगले कुछ दिनों में लोन कि दरों में कुछ कटौती कि घोषणा होगी।