वाइब्रैंट गुजरात: 49,000 करोड़ रुपये निवेश करेगा अडानी समूह

अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने मंगलवार को कहा कि उनकी कंपनी गुजरात में 49,000 करोड़ रुपये निवेश करने का फैसला किया है। अगले पांच वर्षो के दौरान बंदरगाह के प्रसार से लेकर अक्षय ऊर्जा तक विभिन्न क्षेत्रों में अडानी समूह यह निवेश करेगा।
यहां हर वर्ष होने वाले वाइब्रैंट गुजरात ग्लोबल समिटि में अडानी ने कहा, 'गुजरात में स्थित अपने सभी बंदरगाहों-मुंद्रा, हजीरा, दाहेज और टूना- के प्रसार में हम 16,700 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। 2021 में सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा के क्षेत्र में हमारा निवेश बढ़कर 23,000 करोड़ रुपये का हो जाएगा।'
मोदी का भारत और सर्बिया के बीच व्यापार बढ़ाने पर जोर
इसी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और सर्बिया को व्यापार और निवेश संबंधों को 'बढ़ाना' चाहिए, क्योंकि दोनों ही देशों ने हमेशा एक-दूसरे का सर्मथन किया है। सर्बिया के प्रधानमंत्री एलेक्जेंडर वूकिक का वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन में स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सर्बियाई कंपनियों के लिए कम लागत उत्पादन का आदर्श आधार बन सकता है। उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय मोर्चे पर हमें कारोबार और निवेश संबंधों को बढ़ाने की जरूरत है।
मोदी स्वीडन की मंत्री से मिले, निवेश का न्योता दिया
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वीडन की शिक्षा मंत्री अन्ना एक्सट्रोम से मुलाकात की तथा हरित प्रौद्योगिकी एवं स्मार्ट सिटी व स्किल इंडिया जैसे महत्वाकांक्षी उपक्रमों में भारत में संभावनाओं को लेकर बात की। यहां वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन से इतर एक बैठक में मोदी ने बीते साल 'मेक इन इंडिया' को लेकर स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन की भारत यात्रा का स्मरण किया और कहा कि भारत उनके समर्थन के लिए शुक्रगुजार है। उन्होंने कहा कि हरित प्रौद्योगिकी, स्मार्ट सिटी, स्किल इंडिया तथा डिजिटल इंडिया में स्वीडन के निवेश को लेकर भारत में व्यापक संभावनाएं हैं।
भारत-सर्बिया के बीच व्यापार बढ़ाने पर जोर
भारत और सर्बिया को व्यापार और निवेश संबंधों को 'बढ़ाना' चाहिए, क्योंकि दोनों ही देशों ने हमेशा एक-दूसरे का सर्मथन किया है। सर्बिया के प्रधानमंत्री एलेक्जेंडर वूकिक का वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन में स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सर्बियाई कंपनियों के लिए कम लागत उत्पादन का आदर्श आधार बन सकता है। उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय मोर्चे पर हमें कारोबार और निवेश संबंधों को बढ़ाने की जरूरत है। दोनों नेताओं ने इसके अलावा आईटी, हेल्थकेयर, फार्मास्यूटिकल्स और कृषि उत्पादन को सहयोग के विस्तार के लिए संभावित क्षेत्रों के रूप में पहचान की।
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