जानिए सरकार क्यों खोलने की तैयारी कर रही 20 लाख सुरक्षा स्टोर्स

लॉकडाउन की अवधि 3 मई तक बढ़ा दी गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुबह राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए ये जानकारी दी। हालांकि सरकार ने लॉकडाउन की अनिश्चितता से देश को उबारने के लिए अपनी तैयारियां कर ली हैं। इसी कड़ी में सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। ऐसी संभावना है कि केन्द्र सरकार आगामी 45 दिनों में देशभर में करीब 20 लाख सुरक्षा स्टोर्स खोलने जा रही है।
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क्या होंगे ये सुरक्षा स्टोर्स
हिन्दुस्तान वेबपोर्टल पर छपी खबर के अनुसार ये सुरक्षा स्टोर सरकार बड़ी एफएमसीजी कंपनियों के साथ संयुक्त रूप से काम करके खोलेगी। हालांकि आसपास के कई रिटेल स्टोर्स को भी सुरक्षा स्टोर्स में तब्दील किया जाएगा। इसके अंतर्गत केवल राशन की दुकानें ही नहीं आएंगी, बल्कि कपड़े, सैलून व अन्य सामानों की दुकानें भी शामिल होंगी। इन दुकानों के लिए कुछ मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा। साफ-सफाई और सोशल डिस्टेंसिंग इन दुकानों के लिए अनिवार्य होगी। इसके लिए कोई भी व्यक्ति आवेदन कर सुरक्षा स्टोर्स खोल सकता है। इस दुकानों को डिसइंफेक्टेड करते रहना होगा। इन दुकानों से फायदा ये होगा कि इन पर जरूरत की चीजें आसानी से मिल जाएंगी। साथ ही साथ यहां सुरक्षा नियमों का पूरी तरह से पालन होगा। सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन जरूरी होने के चलते ग्राहकों को कोरोना का खतरा नहीं रहेगा।

सुरक्षा का होगा पालन
इन सुरक्षा स्टोर्स पर ग्राहकों के सैनिटाइजेशन का पूरा ख्याल रखा जाएगा। जैसे ही कोई ग्राहक सामान लेने जाएगा उसे सैनिटाइजर से हाथ साफ करने होंगे। साथ ही सभी को मास्क लगाना होगा। जो भी सामान ज्यादा बार छुआ जा रहा है उसे सैनिटाइज किया जाएगा। सरकार का प्लान इस योजना को बड़े स्तर पर लागू करने का है, इसके लिए बड़ी कंपनियों की मदद भी ली जाएगी। इन कंपनियों का काम प्रोटोकॉल का पालन कराना होगा। साथ ही इन्हें सामान को उत्पादक के पास से इन खुदरा दुकानों तक पहुंचाना होगा। जिससे ग्राहकों को आसानी से सामान मुहैया हो सके।
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नामी कंपनियों के साथ हो चुकी है मीटिंग!
खबर के मुताबिक उपभोक्ता मामलों के सचिव पवन कुमार अग्रवाल देश की कुछ नामी और बड़ी कंपनियों के साथ शुरुआती स्तर की मीटिंग हो चुकी है। ये पीपीपी मॉडल की एक बेहद ही बड़ी योजना होगी। इसके लिए कुछ राज्यों को जिम्मेदारी दी जा सकती है, जो पहले प्रोजेक्ट के रूप में काम करेंगे। हालांकि अभी सरकार की ओर से कोई स्पष्ट घोषणा तो नहीं हुई है। लेकिन कुछ एफएमसीजी कंपनियों के अधिकारियों ने बैठक के बारे में जानकारी दी है। कंपनियां सरकार के साथ काम करना चाहती हैं। वहीं सरकार का प्रयास रहेगा कि इसमें पहले से ही चल रहीं दुकानों को भी शामिल किया जाए, जिससे उनका व्यापार भी प्रभावित न हों। हालांकि उन्हें इंफ्रास्ट्रक्चर और सुरक्षा के कुछ मानकों को हर हाल में पूरा करना होगा, तभी उन्हें सुरक्षा स्टोर्स खोलने की अनुमति मिलेगी।

देश में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न होना बड़ी समस्या है
अभी दुकानों पर नहीं हो रहा सुरक्षा का पालन
सरकार की ओर से ये कदम इसलिए उठाया जा रहा है, क्योंकि लॉकडाउन के दौरान लोग सुबह के समय बड़ी संख्या में घरों से बाहर निकल रहे हैं। दुकानों और बाजारों में सुरक्षा के मानकों का ख्याल नहीं रखा जा रहा है। लोग बाजारों और दुकानों से बड़ी संख्या में सामान खरीद रहे हैं। सुरक्षा स्टोर्स खुल जाने से हर हाल में नियमों का पालन करना होगा। अभी भी लॉकडाउन के समय सरकार की ओर से सामान की होम डिलीवरी की व्यवस्था की बात कही गई थी, लेकिन ये योजना प्रभावी नहीं दिखी। इसको देखते हुए सरकार ने सुरक्षा स्टोर्स पर काम करने का फैसला लिया है, जहां कोरोना से बचाव को लेकर कई नियम अनिवार्य होंगे।
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