इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए बचे हैं 2 दिन

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। अब तक कई करोड़ से अधिक टैक्सपेयर्स ने अपना ITR फाइल कर चुके हैं, जबकि कई लाख लोग प्रक्रिया में हैं। इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट के मुताबिक, 26 जुलाई 2024 तक 5 करोड़ से अधिक ITR दाखिल किए जा चुके थे, जो बीते साल की तुलना में 8.5% से ज्यादा है। हालांकि सोशल मीडिया पर बहुत सारे लोग आईटीआर ई-फाइलिंग पोर्टल पर टेक्निकल फॉल्ट की शिकायत कर रहे हैं, जिसकी वजह से उन्हें आयकर रिटर्न दाखिल करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

अगर आखिरी वक्त में भी आपने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है और आप इस बात से परेशान है कि 80C के अलावा ज्यादा टैक्स कैसे बचाएं, तब आपको एक बार आयकर कानून की धारा-10 को देख लेना चाहिए। ओल्ड रिजीम में ये आपका टैक्स बचाने में काफी मदद कर सकती है।

आयकर कानून की धारा-10 के तहत कई सब-सेक्शन होते हैं। इन सभी सब-सेक्शन में आपको अलग-अलग आयकर छूट मिलती है। इसमें हाउस रेंट अलाउंस से लेकर लीव ट्रैवल अलाउंस और अन्य खर्चों पर टैक्स छूट का फायदा मिलता है।

हाउस रेंट अलाउंस पर छूट

आयकर कानून की धारा-10(13A) के तहत आपको हाउस रेंट अलाउंस पर आयकर छूट का फायदा मिलता है। इसमें आपको सैलरी में कितना हाउस रेंट मिला, कितना आपने रेंट भरा, क्या आपने घर किराए पर लेने के लिए किसी ब्रोकर को कमीशन दिया, क्या आपके रेंट वाले घर पर मेंटिनेंस चार्ज लगता है या आपने मेंटिनेंस में कुछ पैसा भरा है और आपने अपने घर किराए पर लेने का कॉन्ट्रैक्ट कितने में बनवाया है। ये सब मिलाकर आपकी टैक्स छूट का कैलकुलेशन किया जाता है।

छुट्टियां मनाने पर टैक्स छूट

आपकी सैलरी में आपको कुछ हिस्सा ‘लीव ट्रैवल अलाउंस’ (LTA) के लिए भी मिलता है। आयकर कानून की धारा-10(5) के तहत आप इस पर भी इनकम टैक्स छूट का फायदा उठा सकते हैं। एलटीए आपको डोमेस्टिक ट्रैवेल के लिए मिलता है। इसमें आप अपने एयर फेयर, ट्रेन फेयर और बस फेयर पर चुकाए पैसे को लेकर टैक्स छूट का फायदा उठा सकते हैं। इसकी लिमिट आपका एम्प्लॉयर आपके सीटीसी के हिसाब से तय करता है।

सेक्शन-10 के तहत मिलने वाली अन्य छूट

आप आयकर कानून की धारा-10 के तहत कई और तरह की आयकर छूट का फायदा उठा सकते हैं। अगर आप पूर्वोत्तर की शेड्यूल ट्राइब्स से संबंध रखते हैं, तब आपको और अधिक फायदा मिलता है। यहां सेक्शन-10 की अन्य टैक्स छूट के बारे में बताया गया है…

  • सेक्शन-10(26) के तहत त्रिपुरा, नागालैंड, मिजोरम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश की शेड्यूल्ड जनजातियों से संबंध रखने वाले टैक्सपेयर्स को राज्य के अंदर किसी भी स्रोत से पैसा कमाने पर टैक्स छूट का फायदा मिलता है। इसमें डिविडेंड और ब्याज से होने वाली आय भी शामिल है।
  • सेक्शन-10(14)(i) के तहत अगर आप बिजनेस के काम से ट्रैवेलिंग, रिसर्च और अन्य वस्तुओं पर पैसा खर्च करते हैं, तो आपको इन खर्चों पर टैक्स बचत होती है।
  • सेक्शन-10(11) के तहत अगर आपने रिजाइन किया है या रिटायरमेंट ली है, तब आपको प्रोविडेंड फंड पर ब्याज से होने वाली आय पर इनकम टैक्स छूट मिलती है।
  • सेक्शन-10(14) के तहत आपको अपने एम्प्लॉयर से जो इंटरनेट अलाउंस मिलता है, उस पर टैक्स छूट मिलती है। इसी के तहत आपको फूड कूपन्स पर भी टैक्स दूट मिलती है।

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