जानना चाहते हैं नोटबंदी का असर क्या हुआ, यह खबर पढ़िए

8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया और उसके बाद से ही आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस समेत देश की तमाम ऐसी पार्टियों ने विरोध शुरू कर दिया, जिनके पैर घुटनों तक भ्रष्टाचार के दलदल में धंसे रहे हैं।
पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने आलोचनाओं को सिर माथे लिया और काले धन, भ्रष्ट लोगों और जाली नोटों के कारोबार को चोट पहुंचाने का काम जारी रखा। चोरों ने रास्ते निकाले, तो सरकार ने नियम बदले और वे रास्ते भी बंद कर दिए।
50 दिन में 1000 आयकर छापे, सर्च ऑपरेशन
मोदी सरकार इसके अलावा कई ऐसे और काम कर रही थी, जिसकी भनक न मीडिया को थी और न ही देश के भ्रष्ट तंत्र को। शुक्रवार को पुराने नोट जमा करने के आखिरी दिन केंद्र सरकार के सूत्रों से पता चला है कि भ्रष्टों पर नजर रखने के लिए सरकार ने एक समानांतर व्यवस्था पहले ही बना ली थी।
8 नवंबर की रात 8 बजे नोटबंदी का ऐलान किया गया और इनकम टैक्स विभाग व सरकार का खुफिया तंत्र अपने काम पर लग गया। नतीजतन, मोदी सरकार ने देशभर में अब तक करीब 1,000 छापे मारे और सर्च ऑपरेशन किए। इनकम टैक्स के ही आंकड़ों के मुताबिक, सिर्फ 22 दिसंबर से 28 दिसंबर के बीच में ही ऐसे 200 ऑपरेशंस को अंजाम दिया गया। विभाग के अधिकारियों ने हर उस रास्ते पर नजर रखी, जिसके जरिए ब्लैक मनी को सफेद करने की कोशिश की जा रही थी।
किसी को बख्शने के मूड में नहीं सरकार
आयकर विभाग के अधिकारियों ने देशभर में सर्च ऑपरेशन जारी रखा और हजारों जगहों पर छापेमारी की। इस छापेमारी में कहीं करोड़ों रुपये कैश जब्त किया गया तो कहीं बेहिसाब गोल्ड...लेकिन बख्शा किसी को नहीं गया। इसी दौरान सरकार ने 458 करोड़ रुपये कैश के रूप में जब्त किए, जिनमें से 105 करोड़ रुपये 500 और 2,000 के नए नोटों में पाए गए। साफ था कि लोग सुधरने को तैयार नहीं थे, लेकिन सरकार भी पूरी तरह इस भ्रष्ट जमात के पीछे लगी हुई थी।
500 मामलों की जांच में ED और CBI जुटे


टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक, इनकम टैक्स विभाग ने नोटबंदी के फैसले के तुरंत बाद ही ब्लैक मनी होर्डर्स और दलालों के हथकंडों पर नजर गड़ा दी थी। ये 4,200 करोड़ रुपये इनकम टैक्स विभाग की इसी मुस्तैदी का नतीजा हैं।
इनकम टैक्स विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कैश तो ब्लैक मनी का छोटा हिस्सा है। लोगों ने बेनामी संपत्तियों के रूप में जबर्दस्त काला धन छिपाकर रखा हुआ है। मोदी सरकार की एक खास टीम इसकी जांच में भी जुटी हुई है। बैंकों से भी ऐसी सभी जानकारी मांगी गई है और बैंकों से हो रहे बड़े ट्रांजैक्शंस पर भी आयकर विभाग के अधिकारी नजर जमाए हुए हैं। आयकर विभाग ने इस काम के लिए प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई को भी लगा रखा है।
8 नवंबर से लेकर अब तक ऐसे 500 मामले ED और CBI को भेजे जा चुके हैं। बैंकों की 547 शाखाओं पर आयकर विभाग की नजर है। सूत्रों के मुताबिक खुद ईडी ने 10 बैंकों की 50 शाखाओं की पड़ताल की है। नोटबंदी के ऐलान के बाद से ही बैंकों में होने जाने वाले ट्रांजैक्शन असामान्य रूप से बढ़ गए थे जिसके बाद ये कार्रवाई की गई।
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