योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता का बढ़ता 'साम्राज्य'

अपनी भाषा से विपक्षियों पर तीखा प्रहार करने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस समय भाजपा के स्टार प्रचारक बन गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बाद उनकी रैलियों में जिस तरीके का जनसैलाब उमड़ता है, उससे भाजपा में उनका कद काफी बढ़ गया है। तीखे प्रहारों की वजह से योगी आदित्यनाथ सिर्फ जनता ही नहीं बल्कि प्रत्याशियों में काफी डिमांड है। उनकी ऊर्जा को देखते हुए चुनावों में उनकी छवि बीजेपी के एक बड़े ब्रैंड के तौर पर उभरी है। अपनी इस ऊर्जा से उन्होंने भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं को पीछे छोड़ दिया है। उनकी लोकप्रियता की वजह से ही अब भाजपा नेतृत्व भी उनको रैलियों के लिए आगे बढ़ा रहा है।
तीन विधानसभा चुनावों के बाद जिस तरीके से उन्हें पश्चिम बंगाल में रैलियों की कमान सौंपी गई है, उससे यह साफ हो गया है कि अब उनका दायरा भाजपा में बढ़ गया है। सांसद से मुख्यमंत्री बनने के बाद जिस तरीके से दूसरे राज्यों में उनकी डिमांड बढ़ रही है, उससे भाजपा के भविष्य के लिए बढ़ा ऑफ्शन तैयार हो गया है। योगी आदित्यनाथ ने साबित भी कर दिया है कि वे भाजपा के लिए 'तुरुप का एक्का' है। पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में जब उनके हेलिकॉप्टर को उतराने की परमिशन नहीं मिली, तो वे सड़क मार्ग से ममता के गढ़ के जिले पुरुलिया में रैली करने पहुंच गए।
5 फरवरी को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में एक सभा को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी एक भ्रष्ट पुलिस अफसर को बचा रही हैं। इससे पहले 3 फरवरी को दक्षिण दिनाजपुर जिले के बालुरघाट संसदीय क्षेत्र में योगी आदित्यनाथ का हेलिकॉप्टर उतरने नहीं दिया गया था। बाद में उन्होंने जनसभा को फोन के जरिए सम्बोधित किया था। रविवार को भी आदित्यनाथ की जनसभा के लिए बड़ी संख्या में लोग सभा स्थल पहुंचे थे। लेकिन उन्हें आदित्यनाथ के न पहुंचने से निराशा हुई। योगी आदित्यनाथ बिहार के पूर्णिमा में 7 फरवरी को रैली करके मिशन 2019 का आगाज करेंगे। यहां पर बिहार में सीमांचल यानी पूर्णिया प्रमंडल के केंद्र पूर्णिया के भाजपा कार्यकर्ताओं का एक बड़ा सम्मेलन और खुली सभा के सत्र एक साथ आयोजित होना है।
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तीनों राज्यों में खूब रही डिमांड
सबसे बड़े सूबे के मुखिया होने के साथ ही साथ वह जिस तरीके से प्रहार करते हैं, उससे उनका कद इस बार के विधानसभा चुनावों में बढ़ गया। योगी आदित्यनाथ ने छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में एक दो नहीं बल्कि 70 से अधिक रैलियां की। इसमें उन्होंने सबसे ज्यादा 26 चुनावी सभाएं राजस्थान में कीं जबकि छत्तीसगढ़ में 23 और मध्य प्रदेश में उन्होंने 17 सभाएं कीं। तेलंगाना में भी योगी आदित्यनाथ ने आठ जनसभाओं को संबोधित किया। मध्यप्रदेश के खंडवा में एक प्रत्याशी ने केंद्रीय मंत्री या फिर किसी फिल्मी स्टार की मांग नहीं बल्कि उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मांग केंद्रीय मंत्री से की। केंद्रीय नेतृत्व से उनकी सभाएं एक जगह नहीं बल्कि तीन से चार विधानसभाओं के बीच में कराई। योगी आदित्यनाथ ने राजस्थान में पार्टी को वापस लाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने हरसंभव कोशिश की, राज्य में सत्ता के विरोधी लहर होने के बाद भी वापसी हो जाएं। योगी आदित्यनाथ 21 नवंबर से 30 नवंबर के बीच राजस्थान में 26 से अधिक रैलियों को संबोधित किया। भाजपा के प्रेसिडेंट अमित शाह की भी चाहत थी कि वह राजस्थान में अधिक से अधिक रैलियां करें। हालांकि तीनों ही हिन्दी पट्टी राज्यों में पार्टी की जीत नहीं हो पाई, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने उनका कद काफी बढ़ा।
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हिन्दुत्व एजेंडे को आगे बढ़ा रहे योगी
योगी आदित्यनाथ या फिर बीजेपी की जो चुनावी रणनीति वह हिंदुत्व का एजेंडा है। भाजपा योगी आदित्यनाथ को आगे हिंदुत्व एजेंडे को लेकर ही बढ़ा रही है। भाजपा ने उन्हें तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों के अलावा तेंलगाना में भी भेजा था। हालांकि वहां पर उनका ज्यादा असर नहीं रहा। मुसलमानों की अधिक संख्या होने के कारण और टीआरएस और कांग्रेस का अपना दबदबा होने के कारण ज्यादा प्रभाव नहीं डाल पाई। भाजपा ने उन्हें हिंदुत्व चुनावी एजेंडे को लेकर अब और आगे बढ़ा रही है। चुनावों में हार मिलने के बाद भी भाजपा इसी एजेंडे को लेकर ममता के गढ़ पश्चिम बंगाल में पहुंच गई है। यहां पर आए दिन भाजपा रैलियां करके महागठबंधन की कमान संभालने वाली ममता बनर्जी को उनके ही गढ़ में चुनौती देने की तैयारी कर रही है। योगी को हिंदू हृदय सम्राट के एक नए प्रतीक के तौर पर खड़ा करने की कोशिश संघ परिवार और बीजेपी पूरी तरह से कर चुका है। राजस्थान के अलवर में योगी आदित्यनाथ ने हनुमान को कथित तौर पर दलित बताने वाला बयान भी दिया लेकिन इसके बाद भी भाजपा उन्हें आगे बढ़ा रही है।
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सबसे बड़े सूबे के है मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ देश के सबसे बड़े सूबे के मुख्यमंत्री है। प्रदेश की कमान संभालने के बाद उन्होंने कानून व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने के लिए कई कदम उठाएं है। प्रदेश की जनता की खुशहाली के लिए उन्होंने कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की है। प्रयागराज में जिस तरीके का विशाल कुंभ का आयोजन किया गया है, वह अपने आप में इतिहास है। इससे प्रदेश की छवि विदेशों में भी बढ़ेंगी। इसके अलावा उनके राज्य में हिंदू तीर्थस्थलों की दशा भी सुधरी है। उन्होंने हिन्दू तीर्थस्थलों की दशा को सुधारने के लिए करोड़ों रुपये का बजट भी दिया है। हालांकि इसके बाद भी विपक्ष उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाता रहता है, लेकिन इसके बाद भी वे विषम परिस्थितियों में भी मिशन-2019 में जुटे हुए हैं। वहीं पश्चिम बंगाल में उनकी रैलियों पर ममता बनर्जी ने कहा कि अगर योगी आदित्यनाथ बंगाल में रैली करते हैं, तो करने दीजिए। उन्होंने अपने अंदाज में योगी आदित्यनाथ को जवाब देते हुए कहा कि उनसे बोलो कि पहले अपना उत्तर प्रदेश संभालें, यूपी में आज पुलिसवाले की हत्या की जा रही है और लिंचिंग में भी लोग मारे जा रहे हैं। ममता बनर्जी यहीं पर नहीं रुकी उन्होंने योगी आदित्यनाथ पर वार करते हुए कहा कि अगर आज खुद चुनाव लड़ने के लिए खड़े हो जाएं तो वे हार जाएंगे। योगी आदित्यनाथ के बारे में उन्होंने कहा कि उन्हें यूपी में खड़े होने के लिए जगह नहीं है तो बंगाल में आ रहे हैं।
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