आप अपनी कुंडली में गज केसरी योग, लक्ष्मी योग का निर्माण स्वयं कर सकते हैं
मृदुल सरल, ज्योतिषाचार्य
यह आर्टिकल उन लोगों के लिए है जो प्रकृति में मनुष्य द्वारा पैदा की गई जटिलताओं को सुलझाने में अपना योगदान देना चाहते हैं, जिनको ज्योतिष में रूचि है और जो समाज में अपना योगदान देना चाहते हैं। जो ऐसा नहीं कर सकते हैं, वे इस आर्टिकल को पढ़कर अपना समय नष्ट न करें। अगर आपकी कुंडली में गज केसरी योग और लक्ष्मी योग नहीं है तो साधारण सा कार्य करके इन योगों का निर्माण स्वयं कर सकते हैं।
रुके हुए काम, बिगड़े हुए काम, उलझे हुए काम, न बनते काम, बनने लगेंगे और सुधरने की राह पर आ जाएंगे। 24 घंटे में पॉजिटिव सिग्नल मिल जाएगा। हां, काम के पूरी तरह से बनने में हो सकता है थोड़ा सा समय लग जाए, लेकिन काम बनेगा जरूर। बशर्ते काम गलत नीयत वाला नहीं होना चाहिए।
नो तंत्र मंत्र
शुद्ध रूप से वैज्ञानिक सोच का धर्म में मिश्रण करना होगा। यह बहुत ही आसान काम है जिससे आप अपनी कुंडली में गज केसरी योग + लक्ष्मी योग का निर्माण कर सकते हैं जो दिखाई तो नहीं देगा परंतु उसका फल आपको तुरंत मिलना शुरू हो जाएगा और निरंतर मिलता ही चला जाएगा। सिर्फ आपको ही फल नहीं मिलेगा, आपकी पीढ़ियां भी इसका लाभ उठाएंगी।
आजकल शहरों में एक प्रचलन देखने को मिलता है कि पेड़ के जड़ो के पास के स्थान की कवरिंग कर दी जाती है। इससे पेड़ों की जड़ों तक पानी जा ही नहीं पाता है। ऐसी स्थिति आपको सैकड़ों, हजारों नहीं लाखों जगहों पर देखने को मिल जाएगी। मंदिरों में, मुहल्लों में राह चलते हुए कहीं भी आपको ऐसी स्थिति देखने को मिल सकती है। सवाल उठता है कि अब आपको करना क्या है? ऐसे वृक्षो की सेवा आरंभ करिए। आपको ऐसे पेड़ों के पास इस तरीके से जगह बना देनी है ताकि पानी जड़ों तक पहुंचने लगे। आप पाएंगे कि कुछ ही दिन में आपकाे अप्रत्याशित शुभ लाभ मिलने शुरू हो जाएंगे।
यह एक इन्वेस्टमेंट कि तरह काम करेगा। आपको बहुत अच्छे तरीके से पेड़ों का ध्यान रखना है, जिससे आप की कुंडली मे कहीं पर भी बैठे सूर्य ,मंगल, चन्द्र, बुध, गुरु ,शुभ फल देने लग जाएंगे। शुभ भी ऐसा की आप ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी। यह एक तरह का निवेश है। आप एक बार निवेश कर देंगे तो आने वाली पीढ़ियां भी इसका लाभ उठाएंगी।
ऐसा करके आप आप मंगल-चंद्र का मेल करवाएंगे। आपके कर्मों से आपकी कुंडली में गज केसरी योग का निर्माण हो जाएगा। आपको उस व्यक्ति से ज्यादा फल मिलेगा जिसकी कुंडली में यह योग होगा। आप अपने कर्म से योग का निर्माण करेंगे।
इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें। आपकी तरह ही अन्य लोगों के अंदर पेड़ों की सेवा करने की भावना जगे और वे भी जड़ों तक जल पहुंचाने की व्यवस्था करें। सरकारों को भी इस ओर ध्यान देना होगा।
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