सीएम योगी ने शपथ ग्रहण के लिए क्यों चुना 25 मार्च का दिन? जानिए क्या है वजह

25 मार्च को लखनऊ के इकाना स्टेडियम में सीएम योगी के शपथ ग्रहण के लिए भव्य समारोह आयोजित किया जा रहा है। इस समय तक लगभग सारी तैयारियां हो चुकी हैं। योगी शुक्रवार को शाम 4 बजे सीएम पद की शपथ लेंगे। इस दौरान पीएम मोदी, जेपी नड्डा, अमित शाह समेत पार्टी के कई दिग्गज नेता समारोह में उपस्थित होंगे। समारोह में लगभग 60 हजार लोगों की उपस्थिति को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थाएं की गई हैं। इसी बीच शपथ ग्रहण समारोह के लिए चुने गए तारीख के कई सारे मायने निकाले जा रहें हैं। माना जा रहा है कि इसके पीछे भी किसी ग्रह नक्षत्र का गणित लगाया गया है। आइए जानते हैं कि इस तारीख को लेकर ज्योतिष क्या कह रहे हैं।
खरमास में होगा नई सरकार का गठन
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक 14 मार्च को सूर्य के मीन राशि में आने के बाद से खरमास चालू हो गया है, जो 14 अप्रैल तक रहेगा। खरमास में किसी भी तरह का शुभ कार्य वर्जित है। इस दौरान गृह निर्माण आरंभ, जनेऊ, मुंडन, विवाह जैसे संस्कार नहीं करने की मान्यता है। लेकिन खरमास में उत्तर प्रदेश में नई सरकार का गठन होने जा रहा है और योगी आदित्यनाथ दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। ज्योतिषियों के अनुसार गुरु इन दिनों अस्त चल रहे हैं और गुरु के अस्त होने कारण इस काल में कोई भी नया कार्य या पदभार ग्रहण करना अच्छा नहीं माना जाता है। अब गुरु 26 मार्च को उदित होंगे।
25 मार्च को बन रहा है स्थिर योग
लेकिन इन सभी प्रतिकूल योगों के बीच एक शुभ स्थिति भी बन रही है। 24 मार्च को बुध मीन राशि में पहुंचकर बुधादित्य योग बना रहे हैं, जिसे ज्योतिष शास्त्र में राजयोग के रूप में जाना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक बुध और सूर्य का संयोग राजनीति में सत्ता को बुद्धि और कौशल से चलाने का कौशल प्रदान करता है। साथ ही शासक और राजस्व में वृद्धि करने के लिए बुद्धि प्रदान करता है। वहीं, नक्षत्र की बात करें तो 25 तारीख को नक्षत्र बहुत ही उत्तम है और इस दिन स्थिर योग बन रहा है। जिस दौरान किया गया कोई भी कार्य स्थिर होता है, जो भी कार्य किया जाता है उसमें कोई भी विघ्न-बाधाएं नहीं आती हैं इसलिए 25 तारीख को योगी आदित्यनाथ अपने मंत्रिमंडल के साथ शपथ ग्रहण करेंगे। बता दें कि योगी आदित्यनाथ की 2024 में केतु की महादशा के बाद शुक्र महादशा चलेगी, वह समय योगी आदित्यनाथ के जीवन काल का सबसे स्वर्णिम दौर होगा।
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