होलिका दहन का यह है शुभ मुहर्त, जानें पूजा विधि से लेकर सभी जरूरी उपाय

फाल्गुन माह की पूर्णिमा के दिन देशभर में होलिका दहन किया जाता है। आज होलिका दहन है। ज्योतिष शास्त्र में होलिका दहन की रात को बहुत खास माना जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार कई ऐसे उपायों के बारे में बताया गया है जिन्हें अगर सही मुहूर्त में कर लिया जाए, तो व्यक्ति की समस्याएं दूर हो जाती हैं। लेकिन होलिका दहन के दिन कुछ अशुभ मुहूर्त भी होते हैं, जिनका खास ख्याल रखना बेहद जरूरी है। इस दौरान कई नकारात्मक शक्तियां सक्रिय हो जाती हैं। हिंदू धर्म, पंचाग और ज्योतिष शास्त्र में होलिका दहन हमेशा शुभ मुहूर्त में ही किया जाता है। ऐसा न करने पर अनहोनी होने का खतरा बना रहता है।
शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए होलिका दहन
धार्मिक ग्रंथों और विद्वानों का कहना है कि होलिका दहन पर कभी भी भद्रा का साया नहीं रहना चाहिए। होलिका दहन हमेशा शुभ मुहूर्त में किया जाना चाहिए। भद्रा के समय होलिका दहन से अनहोनी होने की आशंका रहती है। आज होने वाली होलिका दहन का शुभ मुहूर्त पंचाग के अनुसार रात 9:20 बजे से 10:31 बजे तक रहेगा। इस 1 घंटे 10 मिनट के समय में ही विधि-विधान से होलिका दहन करना शुभ होगा।
ऐसे करें होलिका दहन पर पूजा
मान्यता है कि दहन से पहले होलिका की पूजा शुभ और फलदायी होती है। होलिका दहन से पहले विधि-विधान के साथ होलिका की पूजा करने से राशि के कई दोष भी खत्म हो जाते हैं। इसके लिए सबसे पहले होलिका पर हल्दी रोली और गुलाल से टीका लगाकर फूल, कच्चा सूत, बताशे, मीठी चीजें आदि चढ़ाई जाती हैं। इसके बाद होलिका के चारों ओर 7 बार परिक्रमा करें और जल चढ़ाएं। इसके साथ ही होलिका दहन के समय परिवार के सभी लोग होलिका के चारों ओर इक्ट्ठा बैठकर उसमें गेहूं की बाली, साबूत मूंग को जलती हुई अग्नि में डाले तो परिवार में एकता और प्यार लंबे समय तक बना रहता है। इसके बाद गुलाल लगा कर और पैर छूकर बड़ों का आशीर्वाद लें। इस तरीके से रंगों के इस पावन त्यौहार को अपनों के साथ मिलकर मनाइए। और जीवन के सभी रंगों का मजा लिजिए।
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