गणेश महोत्सव की धूम आज शनिवार से शुरू हो जाएगी। सार्वजनिक पूजा, पंडालों घरों में प्रथम पूज्य श्री गणपती देवा की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। शुक्रवार को मूर्तियां और वस्त्र बाज़ारों में ख़ासी भीड़ रही। विभिन्न शहरों में सर्वजनिक गणेश महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। पूरा दिन भक्त पूजा अर्चना की तैयारियों में लगे रहे। मूर्तियां पूजन और श्रंगार सामग्री खरीदने को बाज़ारों में भक्तो की खासा भीड़ रही।
भक्तों ने विघ्न विनाशक श्री गणेश के दस दिवसीय श्री गणपति महोत्सव की तैयारियां घरों से लेकर सार्वजनिक पंडालों तक में की है। श्री गणपती ब्प्पा की मूर्तियों और वस्त्र की दुकानें शहर के बजरों में सजी रहीं।
गणेश पूजा आरंभ विधि पूजा मंत्र
सबसे पहले एक बर्तन में जल लेकर आएं। जहां भी आपने पूजा के लिए मंडप बनाया है, वहां चटाई बिछाकर बैठ जाएं। सबसे पहले हाथ में कुशा और जल लें, फिर मंत्र बोलें- ‘ओम अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोअपी वा। य: स्मरेत पुण्डरीकाक्षं स बाहान्तर: शुचि:।।’ फिर जल को अपने ऊपर और पूजा की सभी वस्तुओं पर छिड़कें। इसके बाद तीन बार कुल्ला करें। हाथ में जल लेकर ‘ॐ केशवाय नमः ॐ नारायणाय नमः ॐ माधवाय नमः ॐ हृषीकेशाय नमः’ का जाप करें। ऐसा कहते हुए तीन बार हाथ में जल लेकर मुंह पर डालें और फिर हाथ धो लें। इसके बाद जिस स्थान पर गणेशजी की पूजा करनी है, वहां कुछ बिन टूटे हुए चावल रखें। उसके ऊपर गणेशजी की मूर्ति रखें।
गणपति बप्पा की स्थापना विधि
- भगवान गणेश की मूर्ति को उत्तर-पूर्व कोने में स्थापित करना चाहिए और उसका मुख उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
- भगवान गणेश की मूर्ति को आसन पर स्थापित करने से पहले उसे अच्छी तरह से साफ करें और गंगाजल छिड़क कर पवित्र करें।
- आसन को शुद्ध करने के बाद लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर अक्षत रखें। इसके बाद ही उस आसन पर गणपति बप्पा को शुद्ध हाथों से स्थापित करें।
- भगवान श्री गणेश को गंगाजल से स्नान कराएं।
- गणपति बप्पा की मूर्ति के बगल में ऋद्धि-सिद्धि रखें, इनकी जगह आप उनके स्वरूप में सुपारी भी रख सकते हैं।
- भगवान की मूर्ति के दाहिनी ओर कलश रखें और उसमें जल भरें।
- इसके बाद हाथ में फूल और अक्षत लेकर गणपति बप्पा का ध्यान करें।
- गणपति बप्पा को फल, फूल और मिठाई अर्पित करें।
- उनकी पूजा में ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें।
- पूजा के अंत में भगवान श्री गणेश की आरती करें।