आज 2 नवंबर को देश भर में भाई दूज के साथ-साथ गोवर्धन पूजा भी मनाई जा रही है। इस पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। वैसे तो इस दिन गाय माता की पूजा की जाती है लेकिन आज के दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा का भी विशेष महत्व है। मान्यताओं के अनुसार आज के दिन घरों में गोबर से श्री कृष्ण और गोवर्धन पर्वत बनाए जाते हैं फिर उनकी पूजा की जाती है।
ऐसा माना जाता है कि भगवान श्री कृष्ण ने अपनी चोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर ब्रज वासियों को भगवान इन्द्र के गुस्से से बचाया था। तभी से भगवान कृष्ण के उपासक उन्हें गेहूं, चावल व सब्जी आदि देने लगे थे।
गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त
इस वर्ष गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त 02 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 22 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 34 मिनट तक का है। इस शुभ मुहूर्त में गोवर्धन पूजा करना बहुत ही शुभ है।
गोवर्धन पूजा प्रातःकाल मुहूर्त : 06:34 से 08:46 तक
गोवर्धन पूजा सायंकाल मुहूर्त :15:22 से 17:34 तक
गोवर्धन पूजा का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर गोवर्धन की पूजा करने से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं और इसके अलावा धन-धान्य, संतान और सौभाग्य की प्रप्ति होती है। इस दिन जो भी भक्त भगवान गिरिराज की पूजा करता है तो उसके घर में सुख समृद्धि बनी रहती है और गिरिराज महाराज जो भगवान श्री कृष्ण का ही स्वरूप हैं उनका आशीर्वाद पूरे परिवार पर बना रहता है।
गोवर्धन पूजा विधि
गोवर्धन पूजा पर गाय, भगवान कृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा का विशेष महत्व होता है। गोवर्धन पूजा करने के लिए आप सबसे पहले घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन की आकृति बनाएं। इसके बाद रोली, चावल, खीर, बताशे, जल, दूध, पान, केसर, फूल और दीपक जलाकर गोवर्धन भगवान की पूजा करें। इसके बाद अपने परिवार सहित श्रीकृष्ण स्वरुप गोवर्धन की सात प्रदक्षिणा करें। मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से सच्चे दिल से गोवर्धन भगवान की पूजा करने से एवं गायों को गुड़ व चावल खिलाने से भगवान श्री कृष्ण की कृपा बनी रहती है।