Shab-e-Barat 2025: इबादत, माफी और बरकत की रात, जानें इसका इस्लाम में महत्व

Shab-e-Barat 2025 Kab Hai: इस्लाम धर्म में शब-ए-बारात को बेहद पाक रात माना जाता है। इसे इबादत, दुआ और माफी की रात भी कहा जाता है। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, यह पर्व शाबान माह की 15वीं रात को मनाया जाता है, जब मुसलमान अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी और बरकत की दुआ मांगते हैं।

शब-ए-बारात 2025 कब है?

इस साल शब-ए-बारात 13 फरवरी की शाम से शुरू होकर 14 फरवरी 2025 शुक्रवार की शाम तक मनाई जाएगी। हालाँकि, चंद्रमा दिखने के आधार पर विभिन्न देशों में समय में थोड़ा अंतर हो सकता है, लेकिन इस्लामी कैलेंडर के अनुसार तारीख समान रहेगी।

शब-ए-बारात का धार्मिक महत्व

शब-ए-बारात को कर्मों के लेखा-जोखा और तक़दीर लिखे जाने की रात माना जाता है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि इस रात अल्लाह अगले वर्ष के लिए लोगों की तक़दीर तय करते हैं और जो सच्चे दिल से तौबा करते हैं, उनके गुनाहों को माफ कर दिया जाता है।

कैसे मनाई जाती है शब-ए-बारात?

  1. इबादत और दुआ: इस रात को लोग रातभर नमाज अदा करते हैं, कुरान शरीफ पढ़ते हैं और अल्लाह से माफी मांगते हैं।
  2. कब्रिस्तान जाना: कई लोग अपने पूर्वजों की कब्रों पर जाकर उनकी मगफिरत (माफी) के लिए दुआ करते हैं।
  3. दान-पुण्य: इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री, पैसे और कपड़े दान करना पुण्यकारी माना जाता है।
  4. पारंपरिक पकवान: कई मुस्लिम परिवार इस मौके पर हलवा, जर्दा और अन्य पारंपरिक मिठाइयाँ बनाकर लोगों में बांटते हैं।

कहाँ-कहाँ मनाया जाता है शब-ए-बारात?

शब-ए-बारात पूरी दुनिया में खासकर भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, तुर्की, ईरान, इराक, अफगानिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान और मध्य एशियाई देशों में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जाती है।

शब-ए-बारात आत्मनिरीक्षण और अल्लाह की रहमत पाने की रात है। इस अवसर पर इबादत करने, तौबा करने और जरूरतमंदों की मदद करने से विशेष फल प्राप्त होता है।

Zeen is a next generation WordPress theme. It’s powerful, beautifully designed and comes with everything you need to engage your visitors and increase conversions.