
Sakat Chauth, जिसे तिल चौथ और माघ संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है, इस वर्ष 17 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी। यह पर्व भगवान गणेश और चंद्र देव की पूजा को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह व्रत रखने से संतान की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और कष्टों से मुक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
Sakat Chauth व्रत तिथि और शुभ मुहूर्त
तिथि: 17 जनवरी 2025
- लाभ मुहूर्त: सुबह 8:34 से 9:53 तक
- अमृत मुहूर्त: सुबह 9:53 से 11:12 तक
व्रत के नियम
- भगवान गणेश को हरे रंग के वस्त्र पहनाएं।
- तिलकुट और तिल से बनी मिठाई का भोग लगाएं।
- चंद्रमा को जल अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण करें।
- पूजा में केतकी और तुलसी के फूल का उपयोग न करें।
पूजा सामग्री
गणेश जी की प्रतिमा, लाल फूल, दुर्वा, जनेऊ, पान, दीप, धूप, तिल के लड्डू, मोदक, गंगाजल, कलश, और चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए दूध और चीनी।
पूजा विधि

सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को शुद्ध कर गणेश प्रतिमा स्थापित करें। उन्हें दुर्वा, फूल, और तिलकुट का भोग लगाएं। मंत्र “ॐ गं गणपतये नमः” का जाप करें। चंद्रमा को जल अर्घ्य अर्पित कर व्रत का पारण करें।
Sakat Chauth Vrat Katha (सकट चौथ व्रत कथा)
कथा के अनुसार, भगवान शिव ने कार्तिकेय और गणेशजी को पृथ्वी की परिक्रमा करने का कार्य दिया। गणेशजी ने माता-पिता की सात परिक्रमा कर यह संदेश दिया कि माता-पिता में ही संसार का वास है। उनकी बुद्धिमानी से प्रसन्न होकर शिवजी ने उन्हें देवताओं के कष्टों का निवारण करने का आशीर्वाद दिया।
सावधानियां
- काले कपड़े न पहनें।
- चंद्रमा को अर्घ्य देते समय जल के छींटे पैरों पर न गिरें।
- खंडित गणेश प्रतिमा का उपयोग न करें।
सकट चौथ व्रत भगवान गणेश की कृपा पाने का अद्वितीय पर्व है। इस दिन विधि-विधान से पूजा और व्रत करने से संतान के कल्याण और जीवन में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।