हिंदू धर्म में मोक्ष प्राप्ति का मार्ग बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है, जिसे भगवान विष्णु का विशेष दिन माना गया है। इस दिन व्रत रखने और विशेष पूजा-अर्चना करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।
मोक्षदा एकादशी की तिथि और व्रत का समय
इस वर्ष मोक्षदा एकादशी 11 दिसंबर 2024, बुधवार को मनाई जाएगी।
- एकादशी तिथि प्रारंभ: 10 दिसंबर 2024, रात 10:56 बजे
- एकादशी तिथि समाप्त: 11 दिसंबर 2024, रात 08:18 बजे
- पारण (व्रत तोड़ने) का समय: 12 दिसंबर 2024, सुबह 07:01 से 09:12 बजे तक
मोक्षदा एकादशी का महत्व
मोक्षदा एकादशी का नाम ही इसका महत्व बताता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत रखने से न केवल मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है, बल्कि उसके पाप भी समाप्त हो जाते हैं। यह तिथि भगवान विष्णु के अंश से उत्पन्न महाशक्ति देवी एकादशी को समर्पित है। इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ, मंत्र जप और हवन करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं।
व्रत के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, मोक्षदा एकादशी का व्रत विधि-विधान से करने पर ही इसका संपूर्ण फल मिलता है। इसके लिए कुछ विशेष नियमों का पालन करना अनिवार्य है:
- दशमी से ही रखें संयम:
- दशमी तिथि से ही प्याज, लहसुन और मांसाहार का त्याग कर देना चाहिए।
- चावल या चावल से बनी किसी भी सामग्री का सेवन वर्जित है। ऐसा न करने पर व्रत का फल नहीं मिलता और भगवान विष्णु नाराज हो सकते हैं।
- व्रत का संकल्प:
- ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
- भगवान विष्णु के समक्ष दीप जलाकर उनकी पूजा-अर्चना करें।
- विशेष पूजा विधि:
- व्रत के दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
- भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप और हवन करें।
- एकादशी व्रत का पारायण द्वादशी तिथि को करें। इसके बाद प्रसाद वितरण करें।
व्रत में इन वस्तुओं का करें त्याग
व्रत के दौरान कुछ चीजों का त्याग करना आवश्यक है।
- मांसाहारी भोजन, लहसुन और प्याज का सेवन न करें।
- चावल या उससे बनी किसी भी सामग्री का उपयोग न करें।
- व्रत के नियमों का उल्लंघन करने से जीवन में समस्याएं और विष्णु भगवान का आशीर्वाद नहीं मिलता।
मोक्ष प्राप्ति का सरल उपाय
मोक्षदा एकादशी पर विधि-विधान से व्रत करने और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। यह दिन उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो जीवन में शांति और मुक्ति की कामना रखते हैं।
इस पावन एकादशी पर भक्तों को विशेष सावधानी और नियमों का पालन करना चाहिए ताकि भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त हो सके और जीवन सुखमय बने।