
इस बार अष्टमी तिथि 26 अगस्त यानि सोमवार को तड़के 3.39 बजे लगेगी जो अगले दिन मंगलवार की रात 2.19 बजे समाप्त हो जाएगी। आचार्यों के मुताबिक सोमवार को ही कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मानाना शुभ होगा।
बिजली विभाग ने भी सोमवार को निर्बार्ध बिजली आपूर्ति देने का आदेश जारी किया है। उधर बाज़ार में सजी दुकानों में खरीददारों की भीड़ बढ़ गई है। आचार्य गुड्डू तिवारी ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव भादौ मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रात 12 बजे मनाया जाता है। इस बार अष्टमी तिथि सोमवार की रात तक ही है। अगले दिन मंगलवार की रात 12 बजे नवमी रहेगी। इसलिए जन्माष्टमी पर्व सोमवार को ही मनाना उचित होगा।
ज्योतिषियों के अनुसार, भाद्रपद मास, कृष्ण पक्ष, अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र, सोमवार या बुधवार, वृषभ राशि का चंद्र, ये सभी योग इस बार जन्माष्टमी पर बन रहे हैं। यह योग जयंती के नाम से प्रसिद्ध है। इस प्रकार का दुर्लभ संयोग युगों-युगों तक पुण्य संचय से प्राप्त होता है। इस दिन व्रत व उपवास करने से करोड़ों यज्ञ करने का फल मिलता है। साथ ही सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। जिसे लेकर मंदिरों में जन्माष्टमी की तैयारियां शुरू हो गई हैं।
उधर जन्माष्टमी को लेकर बाज़ारों में उत्साह देखने को मिल रहा है। बाज़ारों मे सजावट व मूर्तियों की दुकानें सज गई हैं। लोगों ने भी जन्माष्टमी की तैयारियां तेज कर दी है। दुकानों में खरीददारों की भीड़ जुटने लगी है। लोग मूर्तियों व सजावटी सामानों की खरीददारी कर रहे हैं। मोरपंखी, माला, हाथ के कंगन का सेट इस बार बाज़ारों में 50 से 60 रुपए में मिल रहे हैं। लड्डू गोपाल के कपड़े 50 से 150 रुपए में उपलब्ध है। भगवान का सिंहासन भी 150 से 300 रुपए तक में मिल रहा है। पीतल की मूर्ति जहां 150 से 400 में मिल रही है वहीं प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्ति 40 से 150 रुपए में बाज़ारों में उपलब्ध है।