प्रकाश पर्व के बाद कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि को भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक भाई दूज मनाया जाता है। भाई-बहन को समर्पित इस पर्व को यम द्वितीया या भात्र द्वितीया भी कहा जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र के लिए पूजा करती है और उनका तिलक कर आरती उतरती हैं।
इस पर्व को मनाने के पीछे अलग-अलग पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। मत्स्य पुराण में भाई दूज पर म्रत्यु के देवता यम को प्रसन्न करने के लिए उनका षोडशोपचार विधि से पूजन करने का विधान बताया गया है। यह भी मान्यता है कि इस दिन जो भाई-बहन मथुरा में यमुना जी में स्नान करते है उन्हें अकाल म्रत्यु का भय नहीं रहता है। यमराज उनसे सभी पापों को हर लेते हैं। स्नान के बाद दोपहर में बहन के घर भोजन करने से भाई-बहन दोनों पर यम और यमुना जी की कृपा रहती है।
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि की शुरुआत 02 नवंबर, 2024 को रात 08 बजकर 21 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 03 नवंबर, 2024 को होगा। पंचांग के आधार पर इस साल भाई दूज का त्योहार 3 नवंबर 2024, दिन रविवार को मनाया जाएगा।
शुभ मुहूर्त
भाई दूज अपराह्न समय – दोपहर 01 बजकर 10 से दोपहर 03 बजकर 22 मिनट तक।
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 51 मिनट से 05 बजकर 43 मिनट तक।
विजय मुहूर्त – दोपहर 01 बजकर 54 मिनट से 02 बजकर 38 मिनट तक।
गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 34 मिनट से 06 बजे तक।