हिंदू धर्म में गंगा दशहरा महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी दिन मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं। इस बार यह त्योहार 16 जून को पड़ रहा है। इस दिन दशमी तिथि सुबह 02.32 पर शुरू होगी। 17 जून को सुबह 04.43 तक दशमी तिथि रहेगी और सूर्योदय के समय एकादशी तिथि लग जाएगी।
ऐसे में गंगा दशहरे को 16 जून को मनाना ही उचित रहेगा। गंगा दशहरा पर गंगा स्नान का बहुत महत्व है। गंगा को सबसे नदियों में से एक माना जाता है। कहा जाता है कि कोई भी धार्मिक कार्य गंगा जल के बिना अधूरा माना जाता है। गंगा में स्नान करने से जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान करते हैं।
गंगा नदी स्नान नियम
गंगा दशहरा पर गंगा नदी में स्नान करते समय कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। ऐसा नहीं करने से अशुभ फलों की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं कि गंगा स्नान करते समय कौन-सी गलतियां नहीं करनी चाहिए…
- गंगा नदी में स्नान करने के बाद घर लौटकर दोबारा स्नान नहीं करना चाहिए। ऐसा करना अपशकुन माना जाता है।
- गंगा नदी के किनारे मल-मूत्र का त्याग नहीं करना चाहिए। नदी में स्नान करने से पहले या बाद में उसमें गंदे कपड़े नहीं धोने चाहिए। यह अकाल मृत्यु का कारण भी बनता है। धार्मिक दृष्टि से यह ब्रह्महत्या के समान माना जाता है।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गंगा नदी में स्नान करते समय केवल 7 बार ही डुबकी लगानी चाहिए। इससे ज्यादा या कम डुबकी लगाने से अशुभ परिणाम मिलते हैं।
- गंगा नदी में स्नान समय साबुन का प्रयोग नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आप नदी की पवित्रता को भंग करते हैं और पाप के भागी बनते हैं।
- नदी में स्नान करने के दौरान कुल्ला भी नहीं करना चाहिए। ये कार्य अशुभ माने जाते हैं, इससे व्यक्ति पाप का भागीदार बनता है।