दीपोत्सव का त्योहार रोशनी का त्योहार है दीपावली आते ही घरों को जगमग करने के लिए रंगाई पुताई से लेकर सजावट तक कि तैयारियां शुरू हो जाती हैं। जो अब अंतिम चरण में है। पेंट बाज़ार और बिजली के साथ घरो की सजावट की सामग्री का बाज़ार इस समय खास गरम है। दीपावली में माता लक्ष्मी के स्वागत को लेकर घर-घर तैयारियां अंतिम चरण में है। इस समय सजावट व रौशनी वाला बिजली का समान खूब बिक रहा है।
खास बात ये है कि कभी बाज़ार में चाइनीज झालर का जलवा रहता था लेकिन कुछ सालों से स्वदेशी कि ललक ने चाइनीज सामग्री को बाज़ार से लगभग बाहर कर दिया है। दूकानदारों की मानें तो इस समय स्वदेशी झालर व सजावट की अन्य सामाग्री की मांग बड़े स्तर पर है। बाज़ार में इलेक्ट्रानिक कलश, तोरण, आरती तक आ गई है। वहीं फ्लोटर दिया लोगों की पहली पसंद है। ये दिये पानि में भी जलते रहते हैं। वैसे तो अभी से बिजली की झालरों से घरों को जगमग शुरू कर दिया है। पर आज भी मिट्टी के दीयों का महत्व बरकरार है।
जरूर लगाए इन पत्तों के तोरण
पान के पत्तों से तोरण: पान के पत्ते का तोरण लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है। पान के पत्ते को शुभता और समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है। इसे घर के मुख्य द्वार पर लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। पान के पत्ते देवी – देवताओं को प्रसन्न करते हैं। इसलिए दिवाली के दिन पान के पते का तोरण लगाना शुभ होता है।
अशोक के पत्तों का तोरण: अशोक के पत्ते की माला बनाकर घर के मुख्य द्वार पर टांगने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होता है। घर के मुख्य द्वार पर इसका वंदनवार बहुत ही शुभ माना जाता है। इसलिए दिवाली के दिन अशोक के पत्तों का तोरण जरूर बनाना चाहिए।