इस वर्ष गणेश चतुर्थी का पर्व पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। शहर के विभिन्न घरों और सार्वजनिक पूजा पंडालों में भगवान गणेश की पूजा अर्चना की जा रही है। प्रथम पूज्य गणपति बप्पा की भक्ति में श्रद्धालु गहरे रंग में रंगे हुए हैं। भक्तजन भजन-कीर्तन और पूजन के माध्यम से भगवान से सुख, समृद्धि और जीवन में उन्नति की कामना कर रहे हैं। पंडालों में विराजमान गणेश प्रतिमाओं के समक्ष सायंकालीन पूजा और आरती के बाद भोग लगाया गया और भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया।
इस बार भी गणेश चतुर्थी के अवसर पर शहर के विभिन्न पूजा पंडालों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। अनेक श्रद्धालु विघ्नहर्ता गणेश के दरबार में मत्था टेकने और आशीर्वाद लेने पहुंच रहे हैं। यह उत्सव 10 दिनों तक चलेगा और अनंत चतुर्दशी तक मनाया जाएगा, जब गणपति विसर्जन की पारंपरिक प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसे विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है, जो भगवान गणेश की आराधना का प्रमुख पर्व है। भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सुख के देवता के रूप में माना जाता है, और पूरे देश में इस उत्सव को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
महाराष्ट्र मंडल का भव्य आयोजन
गणेश चतुर्थी के अवसर पर पटना में महाराष्ट्र मंडल ने इस बार विशेष आयोजन किया है। पूजा पंडाल को एक अद्वितीय रूप दिया गया है, जिसमें भगवान गणेश की प्रतिमा ‘लाल बाग के राजा’ की तर्ज पर मुंबई से मंगाई गई है। इस प्रतिमा की विशेषता इसका आकर्षक मुकुट है, जो स्वर्ण और हीरे से जड़ित है। आयोजकों के अनुसार, पिछले वर्ष 21 लाख रुपए का मुकुट था, जबकि इस बार यह 30 लाख का है। भगवान गणेश की प्रतिमा की ऊँचाई भी इस बार बढ़ाकर 6 फीट की गई है, जो भक्तों के बीच विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
महाराष्ट्र मंडल के आयोजक संजय भोसले ने जानकारी दी कि इस वर्ष पूजा पंडाल को अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर तैयार किया गया है। इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग उत्सुकता के साथ पंडाल में पहुंच रहे हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार के आयोजन में अधिक भव्यता और विशिष्टता का ध्यान रखा गया है, जो श्रद्धालुओं को विशेष रूप से आकर्षित कर रहा है।
गणेश उत्सव का यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह समाज को एकजुट करने और सांस्कृतिक विविधता को दर्शाने वाला पर्व भी है। श्रद्धालुओं की भक्ति और उत्साह के साथ यह उत्सव 10 दिनों तक गणपति बप्पा के जयकारों और भव्य आयोजनों के बीच मनाया जाएगा, और अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश का विसर्जन धूमधाम से किया जाएगा।