मौर्य साम्राज्य के समकालीन आचार्य चाणक्य के विचार आज भी प्रासंगिक हैं। कोई भी व्यक्ति चाणक्य नीति का अनुसरण कर अपने जीवन में सफल हो सकता है। साथ ही अपनी बिगड़ी किस्मत को संवार सकता है। जानकारों की मानें तो आचार्य चाणक्य के कथनों का पालन कर चन्द्रगुप्त मौर्य शून्य से शीर्ष पर पहुंचे थे। उनके मार्ग दर्शन के चलते प्राचीन समय में अखंड भारत का निर्माण हुआ था। तत्कालीन समय में चाणक्य महान दार्शनिक थे। अगर आप भी अपने जीवन में कभी परास्त नहीं होना चाहते हैं, तो आचार्य चाणक्य की इन 4 बातों का अवश्य ध्यान रखें। आइए जानते हैं-
चाणक्य की 4 बातें
आचार्य चाणक्य अपनी रचना नीति शास्त्र के छठे अध्याय के 17 वें श्लोक में कहते हैं कि व्यक्ति को पुस्तकों का अध्ययन करने के अलावा जीव जंतु से भी सीखने की जरूरत है। कार्य और व्यवहार में एकाग्रता न होने पर व्यक्ति को जीवन में असफलता का स्वाद बार-बार चखना पड़ता है। इसके लिए व्यक्ति को मुर्गे से 4 आदतें जरूर सीखनी चाहिए।
- आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मुर्गा रोजाना ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाता है। अगर आप भी जीवन में सफल होना चाहते हैं, तो रोजाना ब्रह्म मुहूर्त में उठें। इससे आपके पास कार्य करने हेतु पर्याप्त समय रहेगा। साथ ही अतिरिक्त समय भी मिलेगा। इससे आप अतिरिक्त कार्य/पढ़ाई कर सकते हैं।
- मुर्गे की दूसरी आदत युद्ध के लिए हमेशा तैयार रहना है। कहने का तात्पर्य यह है कि आपको हमेशा कार्य करने हेतु तैयार रहना चाहिए। ।
- मुर्गे की तीसरी आदत बंधुओं को समान हिस्सा देना है। शास्त्रों में निहित है कि देव और भाई के अंश का गबन नहीं करना चाहिए। मुर्गा अपने बांधवों को हमेशा बराबर का हिस्सा देता है। अगर आप जीवन में सफल होना चाहते हैं, तो अपने भाई को उनका उचित हिस्सा अवश्य दें।
- मुर्गे की चौथी आदत डटकर खाना है। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को डटकर खाना चाहिए। इससे व्यक्ति बलिष्ठ होता है। स्वस्थ मन और तन रहने से व्यक्ति अपने कार्य को उत्साहपूर्वक करता है। इन 4 बातों का ध्यान में रखने से व्यक्ति जीवन में कभी असफल नहीं होता है।