अक्षय तृतीया- परशुराम जयंती आज

आज 10 मई शुक्रवार के दिन वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि है। यह तिथि शिव और उनकी पत्नी माता गौरी देवी द्वारा नियंत्रित होती है। गृहप्रवेश, गृह निर्माण, कलात्मक कार्यों के लिए शुभ तिथि मानी जाती है। विवाद और मुकदमेबाजी के लिए अशुभ है। इस तिथि के दिन झगड़ों और मुकदमों से दूर रहना चाहिए। आज परशुराम जयंती, मातंगी जयंती, रोहिणी व्रत के साथ ही अक्षय तृतीया भी है। तृतीया तिथि देर रात 2.50 (11 मई) तक है।

स्थायी प्रकृति वाले कार्यों के लिए शुभ है नक्षत्र
अक्षय तृतीया 2024 के दिन चंद्रमा वृषभ राशि और रोहिणी नक्षत्र में रहेगा। रोहिणी को शुभ नक्षत्र माना जाता है। इस नक्षत्र का विस्तार वृषभ राशि में 10 से लेकर 23:20 डिग्री तक होता है। यह एक स्थिर प्रकृति का नक्षत्र है। इसके देवता ब्रह्मा और शासक ग्रह चंद्रमा है। कुआं खोदने,नींव या शहर बनाने, प्रायश्चित कर्मकांड, पौधरोपण, राज्याभिषेक, भूमि खरीदने, मेधावी कर्म करने, बीज बोने, देवताओं की स्थापना, मंदिर निर्माण, स्थायी काम की इच्छा रखने वाली किसी कार्य के लिए यह नक्षत्र शुभ माना जाता है।

आज के दिन का वर्जित समय
अक्षय तृतीया 2024 के दिन 10:57 से 12:36 बजे तक राहुकाल रहेगा। ऐसे में कोई शुभ कार्य करना हो, तो इस अवधि से परहेज करना ही अच्छा रहेगा। इसी तरह यमगंड, गुलिक, दुमुहूर्त और वर्ज्यम से भी परहेज करना चाहिए। अक्षय तृतीया के दिन 10 मई की सुबह 5:33 से दोपहर 12:17 तक सोना-चांदी और आभूषण सहित अन्य चीजों की खरीदारी करने का समय शुभ रहेगा।

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