ज्योतिष एवं धर्मकर्म
नवग्रहों का महिलाओं के जीवन के साथ किस्मत कनेक्शन
11 January 2021मृदुल सरल, ज्योतिषाचार्यनवग्रहों का महिलाओं के जीवन के साथ में आखिर क्या कनेक्शन होता है, उसके बारे में आपको बताते हैं। सूर्य शुभ: अगर किसी महिला कि कुंडली में सूर्य अच्छा हो तो वह हमेशा अग्रणी ही रहती है और निष्पक्ष न्याय में विश्वास करती है चाहे वो शिक्षित हो या नहीं पर अपनी बुद्धिमत्ता का परिचय देती है।अशुभ सूर्यजब यही सूर्य उसकी कुंडली में नीच का हो या दूषित हो जाये तो महिला अपने दिल पर एक बोझ सा लिए फिरती है। अन्दर से कभी भी खुश नहीं रहती और आस -पास का माहौल भी तनाव पूर्ण बनाये रखती है। जो घटना अभी घटी ही ना हो उसके लिए पहले ही परेशान हो कर दूसरों को भी परेशान किये रहती है। बात-बात पर शिकायतें, उलाहने उसकी जुबान पर तो रहते ही हैं, धीरे -धीरे दिल पर बोझ लिए वह एक दिन रक्त चाप की मरीज बन जाती है और न केवल वह बल्कि उसके साथ रहने वाले भी इस बीमारी के शिकार हो जाते है। दूषित सूर्य वाली महिलायें अपनी ही मर्जी से दुनिया को चलाने में यकीन रखती हैं सिर्फ अपने नजरिये को ही सही मानती हैं दूसरा चाहे कितना ही सही हो उसे विश्वास नहीं होगा। सूर्य का आत्मा से सीधा सम्बन्ध होने के कारण यह अगर दूषित या नीच का हो तो दिल डूबा-डूबा सा रहता है जिस कारण चेहरा निस्तेज सा होने लगता है।
जानिए आपके लिए उपयुक्त व्यापार कौन सा है
24 October 2020मृदुल सरल, ज्योतिषाचार्यआज के भागदौड़ भरे जीवन में हर व्यक्ति तरक्की प्राप्त करना चाहता है, जिसके लिए वह अलग-अलग मार्ग एवं उद्देश्यों का चयन करता है। कई बार अत्यधिक परिश्रम के उपरांत भी उनको सफलता प्राप्त नहीं हो पाती। कई बार व्यक्ति व्यापार करने का इच्छुक तो होता है, लेकिन वह या नहीं जान पाता कि उसे किस प्रकार का व्यापार करना चाहिए? आपको आज इन्हीं सारे सवालों के जवाब मिलेंगे। ग्रहों के हिसाब से आपके लिए कौन सा व्यापार उपयुक्त है? इसकी जानकारी आपको विस्तार से देंगे।
आप अपनी कुंडली में गज केसरी योग, लक्ष्मी योग का निर्माण स्वयं कर सकते हैं
17 September 2020मृदुल सरल, ज्योतिषाचार्ययह आर्टिकल उन लोगों के लिए है जो प्रकृति में मनुष्य द्वारा पैदा की गई जटिलताओं को सुलझाने में अपना योगदान देना चाहते हैं, जिनको ज्योतिष में रूचि है और जो समाज में अपना योगदान देना चाहते हैं। जो ऐसा नहीं कर सकते हैं, वे इस आर्टिकल को पढ़कर अपना समय नष्ट न करें। अगर आपकी कुंडली में गज केसरी योग और लक्ष्मी योग नहीं है तो साधारण सा कार्य करके इन योगों का निर्माण स्वयं कर सकते हैं।रुके हुए काम, बिगड़े हुए काम, उलझे हुए काम, न बनते काम, बनने लगेंगे और सुधरने की राह पर आ जाएंगे। 24 घंटे में पॉजिटिव सिग्नल मिल जाएगा। हां, काम के पूरी तरह से बनने में हो सकता है थोड़ा सा समय लग जाए, लेकिन काम बनेगा जरूर। बशर्ते काम गलत नीयत वाला नहीं होना चाहिए।
घर के प्रेत या पितर रुष्ट होने के लक्षण और उपाय
30 August 2020मृदुल सरल, ज्योतिषाचार्यबहुत जिज्ञासा होती है आखिर ये पितृदोष है क्या? पितृ -दोष शांति के सरल उपाय पितृ या पितृ गण कौन हैं? इन सारे सवालों के जवाब आपको यहां मिलेंगे। पितृ गण हमारे पूर्वज हैं जिनका ऋण हमारे ऊपर है ,क्योंकि उन्होंने कोई ना कोई उपकार हमारे जीवन के लिए किया है। मनुष्य लोक से ऊपर पितृ लोक है,पितृ लोक के ऊपर सूर्य लोक है एवं इस से भी ऊपर स्वर्ग लोक है।
गुरु की कृपा प्राप्त करने के महाउपाय
29 August 2020मृदुल सरल, ज्योतिषाचार्य यदि कुंडली में गुरु ग्रह का कोई दोष हो तो विवाह और भाग्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। गुरु ग्रह के दोषों की शांति के लिए गुरुवार को खास उपाय किए जा सकते हैं। गुरु ग्रह को बृहस्पति भी कहा जाता है, ये देवताओं के गुरु भी हैं। गुरु वैवाहिक जीवन व भाग्य का कारक ग्रह है। गुरु ज्योतिष के नव ग्रहों में सबसे अधिक शुभ ग्रह माने जाते हैं। जीवन में हर क्षेत्र में सफलता के पीछे गुरु ग्रह की स्थिति बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। कुंडली में अगर गुरु मजबूत हो तो सफलता का कदम चूमना बिल्कुल तय है। सफलता के पीछे सकारात्मक उर्जा का होना अहम होता है और यही काम गुरु करते हैं। गुरु जीवन के अधिकतर क्षेत्रों में सकारात्मक उर्जा प्रदान करने में सहायक होते हैं। अपने सकारात्मक रुख के चलते व्यक्ति कठिन से कठिन समय को आसानी से सुलझा लेता है। गुरु आशावादी बनाते हैं और निराशा को जीवन में प्रवेश नहीं करने देते। इसके फलस्वरूप सफलता खुद ब खुद कदम चूमने लगती है और जिंदगी में खुशहाली भी आ जाती है।
घर की नकारात्मक ऊर्जा हटाने के उपाय
26 August 2020मृदुल सरल, ज्योतिषाचार्यजैसा कि आप जानते है हर घर में कोई न कोई वास्तु दोष अवश्य मिलता है। ऐसे में घर में कोई न कोई समस्या बनी रहती है। वास्तु दोष से घर में नकारात्मक उर्जा भी इकट्ठी होती रहती है, जो घर में कलह का कारण बनती है। इससे परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य की हानि और पैसे की बचत न होने जैसी समस्या से जूझना पड़ता है। आज कुछ उपाय बताए जा रहे हैं, जिससे आप घर में नकारात्मक उर्जा को खत्म कर सकते हैं।
कुंडली में नौकरी या व्यापार, जानिए आपको क्या होगा फलीभूत ...
20 August 2020मृदुल सरल, ज्योतिषाचार्यबहुत से लोगों के मन में दुविधा होती है कि उन्हें नौकरी करनी चाहिए या व्यापार। नौकरी में प्राइवेट नौकरी करनी चाहिए या सरकारी? व्यापार फलीभूत होगा तो कौन सा? इन्हीं प्रश्नों के समाधान के लिए यहां प्रस्तुत है कुछ सामान्य जानकारी।
वीआईपी सुरक्षा में रहता है ये पेड़, अब तक हो चुके हैं लाखों खर्च
18 August 2020वीआईपी सुरक्षा में अभी तक आपने नेता, मंत्री, अधिकारी, हीरो, खिलाड़ी आदि लोगों को तो देखा ही होगा। लेकिन अगर मैं आपसे कहूँ कि एक पेड़ को वीआईपी सुरक्षा दी जाती है। तो आप शायद इस बात पर भरोसा न करें, लेकिन ये बात सोलह आने सच है।मध्य प्रदेश में लगे इस पेड़ की 24 घंटे सुरक्षा की जाती है। इस पेड़ को इतनी महत्ता क्यों दी जाती है, आखिर क्यों है इसकी सुरक्षा इतनी सख्त, ये सब आपको हम आज बताएँगे।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व, संदिग्ध व्रत पर्व व शंका समाधान
11 August 2020मृदुल सरल, ज्योतिषाचार्यकृष्ण जन्मोत्सव पर्व इस वर्ष 11 एवं 12 अगस्त को मनाया जा रहा है। जन्माष्टमी के आगमन से पहले ही उसकी तैयारियां जोर शोर से आरंभ हो जाती है। पूरे भारत वर्ष में जन्माष्टमी पर्व पूर्ण आस्था एवं श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। श्री कृष्णजन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण का जनमोत्स्व है। योगेश्वर कृष्ण के भगवद गीता के उपदेश अनादि काल से जनमानस के लिए जीवन दर्शन प्रस्तुत करते रहे हैं। जन्माष्टमी भारत में हीं नहीं बल्कि विदेशों में बसे भारतीय भी इसे पूरी आस्था व उल्लास से मनाते हैं। श्रीकृष्ण ने अपना अवतार भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्यरात्रि को अत्याचारी कंस का विनाश करने के लिए मथुरा में लिया। चूंकि भगवान स्वयं इस दिन पृथ्वी पर अवतरित हुए थे अत: इस दिन को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। इसीलिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर मथुरा नगरी भक्ति के रंगों से सराबोर हो उठती है।
ध्यान दें : इन ग्रहों के कारण आपके रिश्तों पर पड़ता है असर
08 August 2020भारत को मान्यताओं का देश कहा गया है। मिट्टी, पानी यहाँ तक कि गोबर को भी यहाँ देव तुल्य कहा गया है। मान्यताओं के आधार पर हमारे देश में कई ऐसे शास्त्र भी हैं जिन्हें लोगों द्वारा पूर्ण विश्वास के साथ अपनाया जाता है। उनमें से एक है ज्योतिष शास्त्र। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों और नक्षत्रों का संबंध सीधे हमारे जीवन से जुड़ा हुआ होता है। हमारे व्यक्तिगत जीवन में ये ग्रह विभिन्न पहलुओं से जुड़े होते हैं, इन ग्रहों का संबंध परस्पर हमारे रिश्तों के साथ जुड़ा रहता है। मान्यताओं और शास्त्रों की मानें तो हमारे व्यक्तिगत रिश्तों पर ग्रहों का सीधा प्रभाव पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो नौ गृह होते हैं। और इन नौ ग्रहों का असर हमारे किसी न किसी रिश्ते पर पड़ता ही है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि ग्रहों का हमारे रिश्तों से क्या संबंध है। पुत्र और पिता के साथ रिश्तों में सूर्य ग्रह जुड़ा हुआ माना गया है। यदि कोई व्यक्ति अपने पिता से दूरी बना कर रहता है या पिता का अनादर करता है तो इसका मतलब वह अपने सूर्य को कमजोर करता है। आपके जीवन में सूर्य गृह का कमजोर होना मतलब इससे कई तरह की परेशानियां आपको घेर सकती हैं। इस गृह के कमजोर होने का मतलब है कि आप आर्थिक संकट, बीमारी, मानसिक तनाव आदि से परेशान रहेंगे। सूर्य गृह को ठीक करने या कहें कि खुश करने के सारे उपाय तब तक बेकार हैं जब तक आपके रिश्ते पिता के साथ अच्छे नहीं बन जाते हैं। पिता के बाद अब बात करते हैं माँ के साथ व्यक्तिगत संबंध के बारे में। यदि आपके रिश्ते अपनी माँ से खराब है तो इसका मतलब है कि आपका चंद्रमा कमजोर है। या इसे दूसरी भाषा में कहें तो मां के साथ रिश्ते खराब होने का चंद्रमा पर खराब असर पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि आप अपनी मां को अपमानित करते हैं, या कोई अपशब्द कहते हैं तो आपका चंद्रमा नाराज होगा जिसके नाराज होने से आपको कई परेशानियों से गुजरना पड़ सकता है। चंद्रमा के नाराज होने से आपको कई प्रकार की बीमारियां लग सकती हैं, आपकी तरक्की भी रुक सकती साथ ही आप आर्थिक तंगी से जूझ सकते हैं। इसके बाद अब नंबर आता है ससुराल से आपके संबंध, चाचा-चाची, ताऊ और दूसरे संबंधियों के साथ आपके संबंध कैसे बिगड़ते हैं। यदि आपके रिश्ते इन लोगों से भी बिगड़ते हैं तो इसका मतलब है कि आपका मंगल ग्रह दिक्कत में हैं। मंगल गृह के कमजोर पड़ने से ही छोटे भाई बहन के साथ आपके रिश्तों में खटास आती है। इसके अलावा भाई-बहन, मामा-मामी और आपके विरोधियों से आपके रिश्ते बुध ग्रह के कारण ही बनते और बिगड़ते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु और शुक्र के कारण आपके रिश्ते जीवनसाथी और दोस्तों के बनते और बिगड़ते हैं। साथ ही शनि ग्रह के कारण पिता, सास-ससुर, बेटे-बेटियों और दोस्तों के साथ रिश्ते बनते और बिगड़ते हैं। राहु गृह का आपने नाम तो सुना ही होगा। अक्सर यह गृह किसी न किसी कारण चर्चा में बना रहता है। आपको बता दें कि राहू दादा से रिश्तों के लिए जिम्मेदार है और केतु नाना से आपके रिश्ते के बनाने और बिगाड़ने के लिए जिम्मेदार है। राहु गृह का संबंध आपके दादा के साथ ही आपकी ससुराल पक्ष के लोगों के साथ संबंध बनाता और बिगाड़ता है। कुल मिलाकर यदि आपके रिश्ते सही रहते हैं, आपके रिश्तों में प्रेम, सम्मान का भाव है तो आपके जीवन और रिश्तों पर ग्रहों का सकारात्मक असर पड़ेगा।